Adani Wilmar News / अडाणी ग्रुप का इस दिग्गज कंपनी में सारी हिस्सेदारी बेचकर बाहर निकलने का फैसला

अरबपति गौतम अडाणी के नेतृत्व वाला अडाणी ग्रुप अडाणी विल्मर में अपनी हिस्सेदारी बेचकर इससे पूरी तरह बाहर निकलने की योजना बना रहा है। ग्रुप अपनी 31.06% हिस्सेदारी विल्मर इंटरनेशनल को और 13% ओपन मार्केट में बेच देगा। यह डील 2 अरब डॉलर से अधिक की मानी जा रही है।

Vikrant Shekhawat : Dec 30, 2024, 06:10 PM
Adani Wilmar News: अरबपति उद्योगपति गौतम अडाणी के नेतृत्व वाले अडाणी ग्रुप ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। समूह ने कहा है कि वह अपने संयुक्त उपक्रम अडाणी विल्मर से बाहर निकलने जा रहा है। इस प्रक्रिया में अडाणी ग्रुप अपनी पूरी हिस्सेदारी सिंगापुर की कंपनी विल्मर इंटरनेशनल और ओपन मार्केट में बेच देगा। इस डील का मूल्यांकन 2 अरब डॉलर से अधिक का अनुमान है।

हिस्सेदारी का विवरण

अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि कंपनी विल्मर इंटरनेशनल को 31.06 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी। इसके अलावा, न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शेष 13 प्रतिशत हिस्सेदारी ओपन मार्केट में बेची जाएगी।

डील की समय सीमा

इस डील को 31 मार्च, 2025 तक पूरा किए जाने की योजना है। हालांकि, अडाणी ग्रुप ने हिस्सेदारी की बिक्री के लिए मूल्य का खुलासा नहीं किया है। लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि यह सौदा 2 अरब डॉलर से अधिक का हो सकता है।

अडाणी विल्मर: एक प्रमुख एफएमसीजी कंपनी

अडाणी विल्मर भारत की अग्रणी एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) कंपनियों में से एक है, जो खाद्य तेल और अन्य खाद्य सामग्रियों के उत्पादन और वितरण में प्रमुख है। इस कंपनी की फॉर्च्यून ब्रांड के तहत उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला में सोयाबीन का तेल, सरसों का तेल, सूरजमुखी का तेल, मूंगफली का तेल, बासमती चावल, आटा, बेसन, दाल, पोहा, चीनी और सूजी जैसे रोजमर्रा के उपयोग की चीजें शामिल हैं।

अन्य उत्पाद और ब्रांड

अडाणी विल्मर सिर्फ खाद्य सामग्रियों तक ही सीमित नहीं है। यह अलाइफ ब्रांड के तहत साबुन और हैंडवॉश, तथा ओजेल ब्रांड के तहत फ्लोर क्लीनर जैसे उत्पाद भी बेचती है। इसके अलावा, यह किंग्स, आधार, राग, बुलेट, और अवसर ब्रांड के तहत विभिन्न खाद्य तेल भी बाजार में उपलब्ध कराती है।

वर्तमान मार्केट कैप

कंपनी का मौजूदा मार्केट कैप 42,824.41 करोड़ रुपये (लगभग 5 अरब डॉलर) है। यह भारतीय एफएमसीजी बाजार में अडाणी विल्मर की मजबूत उपस्थिति को दर्शाता है।

इस डील का महत्व

अडाणी विल्मर से बाहर निकलने का निर्णय अडाणी ग्रुप की रणनीतिक प्राथमिकताओं में बदलाव को दर्शाता है। समूह के इस कदम से विल्मर इंटरनेशनल को कंपनी में अधिक नियंत्रण मिलेगा, जबकि अडाणी ग्रुप अपने संसाधनों को अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं में केंद्रित कर सकेगा।

यह कदम भारतीय कॉरपोरेट जगत के लिए एक बड़ा घटनाक्रम है, जो अडाणी ग्रुप की विस्तार योजनाओं और वैश्विक निवेशकों के लिए नए अवसरों को रेखांकित करता है। इस डील के सफलतापूर्वक पूरा होने पर, अडाणी विल्मर का नेतृत्व पूरी तरह विल्मर इंटरनेशनल के पास चला जाएगा।