Adani Wilmar Group / अडानी ग्रुप से बाहर निकलने के बाद क्या करेगी विल्मर, ये प्लान आया सामने

भारत की सबसे बड़ी खाद्य तेल कंपनी अदाणी विल्मर से अदाणी समूह ने अपनी 44% हिस्सेदारी बेचकर बाहर निकलने की घोषणा की। विल्मर अब एफएमसीजी सेगमेंट पर ध्यान केंद्रित करेगा, आईटीसी जैसी रणनीति अपनाते हुए अपने वितरण नेटवर्क का उपयोग करेगा। शेयर बाजार में इस खबर से गिरावट दर्ज की गई।

Vikrant Shekhawat : Jan 06, 2025, 06:00 AM

Adani Wilmar Group: भारत की सबसे बड़ी खाद्य तेल कंपनी अदाणी विल्मर लिमिटेड (एडब्लूएल) से अदाणी समूह के बाहर निकलने के बाद विल्मर ने अपनी रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव की योजना बनाई है। सूत्रों के अनुसार, विल्मर अब अपने उच्च-मार्जिन वाले एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) व्यवसाय को बढ़ाने पर जोर देगी। कंपनी अपने मुख्य व्यवसाय और व्यापक वितरण नेटवर्क का लाभ उठाकर भारतीय बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करने की तैयारी कर रही है।

आईटीसी जैसी रणनीति अपनाने की तैयारी आईटीसी ने अपने मजबूत सिगरेट व्यवसाय का उपयोग करके एफएमसीजी में विस्तार किया था। इसी तरह, अदाणी विल्मर अपने प्रमुख खाद्य तेल व्यवसाय का उपयोग एफएमसीजी वृद्धि के लिए आधार के रूप में करने की योजना बना रही है। सूत्रों ने बताया कि अदाणी समूह के बाहर निकलने के बाद विल्मर भारतीय बाजार में अधिक वैश्विक एफएमसीजी ब्रांड पेश कर सकती है। यह कदम विल्मर को अपने पोर्टफोलियो को व्यापक बनाने और उच्च लाभप्रदता हासिल करने में मदद करेगा।

एफएमसीजी खंड में वृद्धि दिसंबर 2024 की तिमाही में अदाणी विल्मर के एफएमसीजी व्यवसाय ने मात्रा के लिहाज से 24 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की। कुल बिक्री की मात्रा में खाद्य और एफएमसीजी की हिस्सेदारी बढ़कर 20 प्रतिशत हो गई है। इसके अलावा, इस खंड की कुल राजस्व में हिस्सेदारी बढ़कर 9 प्रतिशत हो गई है। यह स्पष्ट संकेत है कि कंपनी अपने एफएमसीजी खंड को प्राथमिकता देने और इसे प्रमुख व्यवसाय के रूप में स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

अदाणी समूह के बाहर निकलने का प्रभाव अदाणी समूह का नाम अक्सर सुर्खियों में रहता है, और इस बार भी ऐसा ही हुआ। सोमवार को अदाणी समूह ने घोषणा की कि वह एफएमसीजी कंपनी अदाणी विल्मर से पूरी तरह बाहर निकल रहा है। अदाणी समूह ने अपनी 44 प्रतिशत हिस्सेदारी विल्मर इंटरनेशनल को बेच दी है। इस निर्णय का मतलब है कि अब गौतम अदाणी तेल, आटा, दाल, और चावल जैसे किराना सामान नहीं बेचेंगे।

इस फैसले के बाद, अदाणी विल्मर के शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। मंगलवार, 31 दिसंबर 2024 को, खबर लिखते वक्त कंपनी के शेयर 7.2 प्रतिशत गिरकर 305.65 रुपये पर पहुंच गए। शेयर बाजार में यह गिरावट अदाणी इंटरप्राइजेज के 25 साल पुराने जॉइंट वेंचर से बाहर निकलने की वजह से आई है।

क्या है डील का महत्व? अदाणी समूह ने विल्मर इंटरनेशनल के साथ अपनी 16,000 करोड़ रुपये की डील की है। अदाणी समूह अब इस राशि का उपयोग अपनी ऊर्जा, यूटिलिटीज, परिवहन और लॉजिस्टिक्स जैसे व्यवसायों में निवेश करने की योजना बना रहा है। अदाणी समूह का यह कदम अपने मुख्य व्यवसायों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की रणनीति का हिस्सा है।

भविष्य की योजनाएं अदाणी विल्मर अब अपने एफएमसीजी खंड के विस्तार पर फोकस करेगी। यह कंपनी अपने वितरण नेटवर्क का विस्तार कर छोटे और बड़े दोनों बाजारों में अपनी उपस्थिति को मजबूत करेगी। विल्मर अब भारतीय बाजार में नए ब्रांड्स और उत्पादों को लॉन्च कर सकती है, जिससे उसे उच्च लाभप्रदता हासिल करने का मौका मिलेगा।

कुल मिलाकर, अदाणी समूह के बाहर निकलने के बाद विल्मर की रणनीति भारतीय एफएमसीजी बाजार में एक बड़ा बदलाव ला सकती है। कंपनी की यह नई रणनीति उसे प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्रदान करेगी और उसे आईटीसी जैसी बड़ी कंपनियों के समकक्ष खड़ा करने में मदद करेगी।