Vikrant Shekhawat : Jul 19, 2021, 01:11 PM
India forex reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार नौ जुलाई को समाप्त सप्ताह में 1.883 अरब डॉलर बढ़कर रिकॉर्ड 611.895 अरब डॉलर पर पहुंच गया. RBI के शुक्रवार को जारी आंकड़े के अनुसार इससे पहले, दो जुलाई को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार 1.013 अरब डॉलर बढ़कर 610.012 अरब डॉलर पहुंच गया था. नौ जुलाई को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार में वृद्धि का कारण विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति (FCA) है.आरबीआई के कुल मुद्रा भंडार में इसकी प्रमुख हिस्सेदारी है. एफसीए 1.297 अरब डॉलर बढ़कर 568.285 अरब डॉलर पहुंच गया. स्वर्ण भंडार आलोच्य सप्ताह में 58.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 36.956 अरब डॉलर पहुंच गया. स्पेशल ड्राविंग राइट्स यानी SDR जो इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड यानी IMF के साथ जमा होता है उसमें कोई बदलाव नहीं आया है और यह 1.547 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित रहा है. IMF के साथ भारत का रिजर्व पोजिशन 3 मिलियन डॉलर बढ़कर 5.107 बिलियन डॉलर हो गया है.अर्थव्यवस्था की मजबूती और आयात के लिए यह जरूरीआर्थिक जानकारों के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार बहुत जरूरी है. आर्थिक जानकारों का कहना है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया शेयर बाजार में आ रहे पैसे और FDI को लगातार अपने कंटिजेंसी फंड में जमा कर रहा है. कोरोना संकट के बीच देश की अर्थव्यवस्ता के लिए यह जरूरी है. अगर आरबीआई के पास पर्याप्त भंडार होगा तो क्रेडिट रेटिंग पर सकारात्मक असर होगा और इससे निवेशकों की धारणा भी मजबूत होगी. भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय निवेशकों को खुली बाहों से स्वागत कर रही है.15 महीने के आयात के लिए भारत तैयारइस समय भारत 15 महीने तक आयात करने में सक्षम है. जापान के पास 22 महीने का भंडार है. भारत के पास विदेशी मुद्रा भंडार चीन, जापान, स्विटजरलैंड और रूस के बाद सबसे ज्यादा है. स्वीटजरलैंड के पास 39 महीने तक आयात करने की क्षमता है. आर्थिक जानकारों का कहना है कि कोरोना संकट से जब देश की इकोनॉमी बाहर निकलेगी तो आयात में तेजी आएगी और उस समय के लिए यह फंड बहुत जरूरी है.