AajTak : Jul 26, 2020, 04:04 PM
Delhi: क्या ISIS अब भारत के लिए खतरा बन गया है? आजतक के हाथ संयुक्त राष्ट्र की 24 पन्ने की एक रिपोर्ट लगी है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक ISIS/ISIL के 180-200 सदस्य भारत में सक्रिय हैं। ये सभी सदस्य केरल और कर्नाटक राज्यों में फैले हुए हैं। ISIS ने भारत में 'विलायाह ऑफ हिंद' प्रांत बनाए जाने की घोषणा की है।
संयुक्त राष्ट्र ने रिपोर्ट में यह भी बताया है कि ISIS कोविड-19 महामारी के नाम पर लोगों से पैसे मांग रहा है और उनके बीच अपना प्रोपेगेंडा फैला रहा है। आजतक के हाथ वो मैगजीन भी लगी है, जिसके जरिए लॉकडाउन के दौरान प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश की जा रही है।इस पत्रिका में मुस्लिम समुदाय के लोगों से कोविड कैरियर्स बनकर मुल्क में वायरस फैलाने को कहा गया है। इसमें सभी मुस्लिमों से महामारी को अवसर बताते हुए कोरोना जेहाद फैलाने को कहा गया है। भारतीय जांच एजेंसियों को इस दिशा में कई सफलता भी मिली है। उन्होंने केरल और कर्नाटक में ऐसे कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की है। ये सभी लोग टेलीग्राम के जरिए अपना संगठन चलाते हैं। साथ ही फेसबुक पर भी फेक नाम के साथ एक्टिव हैं।फिलहाल स्पेशल सेल और NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) खुरासान मॉड्यूल की पड़ताल कर रही है, जो मैगजीन के जरिए प्रोपेगेंडा फैला रहे हैं। इस मामले में अब तक पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। इनके नाम हैं- हिना बशीर बेग, जहानजेब, अब्दुल बाशित, सादिया अनवर शेख और नबेल। आजतक के पास इन सभी की फोटो भी मौजूद है।
ये सभी CAA (नागरिकता संशोधन कानून) और NRC (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) के नाम पर युवाओं को रेडिकलाइज कर रहे हैं। ये सभी दिल्ली में लोन वुल्फ अटैक की प्लानिंग भी कर रहे थे। साथ ही आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए ये लोग आतंकियों से विस्फोटक आदि की मांग कर रहे थे।
हालांकि मार्च महीने में ISIS के एक मॉड्यूल का खुलासा हो गया था। इसके बावजूद भारत विरोधी मैगजीन का प्रकाशन हो रहा है। आजतक के हाथ तीसरे और छठे एडिशन की मैगजीन लगी है। लॉकडाउन के दौरान प्रकाशित एक मैगजीन जिसका नाम मौलाना साद और जमात दिया गया है। उसमें मौलाना साद की कथित कोरोना फैलाने को लेकर प्रशंसा की गई है। वहीं दिल्ली हिंसा मामले में गिरफ्तार जामिया छात्रों को लेकर लोगों से बदला लेने की अपील की गई है।मैगजीन में मुस्लिम समुदाय के लोगों को कोरोना महामारी का लाभ लेते हुए कोरोना कैरियर बनकर वायरस फैलाने को कहा गया है। इसके अलावा पुलिस के खिलाफ वुल्फ अटैक करने को लेकर भी प्रोत्साहित किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र ने रिपोर्ट में यह भी बताया है कि ISIS कोविड-19 महामारी के नाम पर लोगों से पैसे मांग रहा है और उनके बीच अपना प्रोपेगेंडा फैला रहा है। आजतक के हाथ वो मैगजीन भी लगी है, जिसके जरिए लॉकडाउन के दौरान प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश की जा रही है।इस पत्रिका में मुस्लिम समुदाय के लोगों से कोविड कैरियर्स बनकर मुल्क में वायरस फैलाने को कहा गया है। इसमें सभी मुस्लिमों से महामारी को अवसर बताते हुए कोरोना जेहाद फैलाने को कहा गया है। भारतीय जांच एजेंसियों को इस दिशा में कई सफलता भी मिली है। उन्होंने केरल और कर्नाटक में ऐसे कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की है। ये सभी लोग टेलीग्राम के जरिए अपना संगठन चलाते हैं। साथ ही फेसबुक पर भी फेक नाम के साथ एक्टिव हैं।फिलहाल स्पेशल सेल और NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) खुरासान मॉड्यूल की पड़ताल कर रही है, जो मैगजीन के जरिए प्रोपेगेंडा फैला रहे हैं। इस मामले में अब तक पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। इनके नाम हैं- हिना बशीर बेग, जहानजेब, अब्दुल बाशित, सादिया अनवर शेख और नबेल। आजतक के पास इन सभी की फोटो भी मौजूद है।
ये सभी CAA (नागरिकता संशोधन कानून) और NRC (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) के नाम पर युवाओं को रेडिकलाइज कर रहे हैं। ये सभी दिल्ली में लोन वुल्फ अटैक की प्लानिंग भी कर रहे थे। साथ ही आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए ये लोग आतंकियों से विस्फोटक आदि की मांग कर रहे थे।
हालांकि मार्च महीने में ISIS के एक मॉड्यूल का खुलासा हो गया था। इसके बावजूद भारत विरोधी मैगजीन का प्रकाशन हो रहा है। आजतक के हाथ तीसरे और छठे एडिशन की मैगजीन लगी है। लॉकडाउन के दौरान प्रकाशित एक मैगजीन जिसका नाम मौलाना साद और जमात दिया गया है। उसमें मौलाना साद की कथित कोरोना फैलाने को लेकर प्रशंसा की गई है। वहीं दिल्ली हिंसा मामले में गिरफ्तार जामिया छात्रों को लेकर लोगों से बदला लेने की अपील की गई है।मैगजीन में मुस्लिम समुदाय के लोगों को कोरोना महामारी का लाभ लेते हुए कोरोना कैरियर बनकर वायरस फैलाने को कहा गया है। इसके अलावा पुलिस के खिलाफ वुल्फ अटैक करने को लेकर भी प्रोत्साहित किया गया है।