ICC New Chairman / जय शाह का अब पूरी दुनिया की क्रिकेट पर राज- CT पर फैसले से पहले संभाली ICC की कुर्सी

जय शाह ने आईसीसी अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल शुरू कर दिया है। 35 साल की उम्र में वे सबसे युवा आईसीसी चेयरमैन बने। पहले बीसीसीआई सचिव और एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष रह चुके जय शाह अब क्रिकेट के विकास और चैंपियंस ट्रॉफी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम करेंगे।

ICC New Chairman: भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले जय शाह ने अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान मजबूत करते हुए आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) अध्यक्ष का कार्यभार संभाल लिया है। 35 वर्षीय जय शाह न केवल सबसे कम उम्र में यह पद संभालने वाले व्यक्ति बने हैं, बल्कि आईसीसी की अध्यक्षता करने वाले 5वें भारतीय भी हैं। यह उपलब्धि उनकी दूरदर्शिता, नेतृत्व क्षमता और भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान का परिणाम है।

आईसीसी की कमान संभाली

जय शाह ने आईसीसी अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल ऐसे समय में शुरू किया है, जब क्रिकेट की दुनिया में कई बड़े फैसले और विवादित मुद्दे विचाराधीन हैं। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को लेकर चल रहे भारत और पाकिस्तान के बीच मेजबानी विवाद को सुलझाने की जिम्मेदारी अब उनके कंधों पर है। भारत इस टूर्नामेंट में हाइब्रिड मॉडल की वकालत कर रहा है, जबकि पाकिस्तान इसे स्वीकारने से इनकार कर रहा है।

जय शाह ने आईसीसी की कुर्सी ग्रेग बार्कले से संभाली, जो लगातार दो बार इस पद पर रह चुके हैं। शाह के कार्यकाल में होने वाला पहला प्रमुख टूर्नामेंट चैंपियंस ट्रॉफी होगा, और इसका स्वरूप तय करना उनके लिए पहली बड़ी चुनौती है।

जय शाह का अब तक का सफर

जय शाह का क्रिकेट से जुड़ाव साल 2009 में गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन से शुरू हुआ। उस समय उन्होंने अहमदाबाद में दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम, नरेंद्र मोदी स्टेडियम, के निर्माण में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद 2019 में उन्होंने बीसीसीआई के सचिव का पद संभाला और भारतीय क्रिकेट को मजबूत बुनियादी ढांचे और वित्तीय स्थिरता प्रदान की।

जय शाह ने 2021 से एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया, जहां उन्होंने एशियाई क्रिकेट को नया आयाम दिया।

आईसीसी अध्यक्ष के रूप में प्राथमिकता

जय शाह ने अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालते ही अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट कर दिया। उन्होंने कहा,
"मैं आईसीसी अध्यक्ष की भूमिका निभाकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। यह खेल के लिए रोमांचक समय है, और हमारा ध्यान क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल करने, महिलाओं के खेल को बढ़ावा देने, और क्रिकेट के सभी प्रारूपों को समान महत्व देने पर रहेगा।"

उनकी यह सोच क्रिकेट को वैश्विक स्तर पर और अधिक लोकप्रिय बनाने में मदद करेगी। साथ ही, महिलाओं के खेल को प्राथमिकता देना उनके नेतृत्व की समावेशी सोच को दर्शाता है।

भारतीयों की आईसीसी परंपरा

जय शाह से पहले केवल चार भारतीयों ने आईसीसी की अध्यक्षता की है:

  1. जगमोहन डालमिया
  2. शरद पवार
  3. एन. श्रीनिवासन
  4. शशांक मनोहर
इन महान हस्तियों के बाद जय शाह के पास आईसीसी को नई ऊंचाई तक ले जाने की जिम्मेदारी है।

भविष्य की चुनौतियां और उम्मीदें

जय शाह के नेतृत्व में आईसीसी को न केवल चैंपियंस ट्रॉफी विवाद सुलझाना है, बल्कि खेल को और समावेशी बनाना, डिजिटल युग में क्रिकेट को अधिक इंटरैक्टिव बनाना, और विश्व स्तर पर नई पीढ़ी के दर्शकों को जोड़ने का काम भी करना है।

उनकी उम्र और ऊर्जा उनके लिए एक बड़ा लाभ है, और उनकी सफलता भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व का विषय बनेगी। जय शाह की यह नई पारी क्रिकेट के वैश्विक मंच पर एक नया अध्याय लिखने की ओर इशारा करती है।