श्रीनगर / अनुच्छेद 370 सीमा पर तनाव बढ़ा, पाक के कब्जे वाले कश्मीर में 10 से ज्यादा आतंकी शिविर बने

नियंत्रण रेखा (एलओसी) के समीप स्थित पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के कोटली, रावलकोट, बाघ और मुजफ्फराबाद में 10 से ज्यादा आतंकी शिविर सक्रिय हो गए हैं। आतंकी गुटों की सक्रियता पाकिस्तानी सेना के सहयोग से बढ़ी है। इसे देखते हुए भारतीय सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। पाक प्रधानमंत्री इमरान खान कहा था कि भारत में अगर दोबारा पुलवामा जैसा हमला होता है तो इसके लिए इस्लामाबाद जिम्मेदार नहीं होगा।

Dainik Bhaskar : Aug 10, 2019, 02:53 PM
श्रीनगर. नियंत्रण रेखा (एलओसी) के समीप स्थित पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के कोटली, रावलकोट, बाघ और मुजफ्फराबाद में 10 से ज्यादा आतंकी शिविर सक्रिय हो गए हैं। शीर्ष खुफिया सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी। आतंकी गुटों की सक्रियता पाकिस्तानी सेना के सहयोग से बढ़ी है। इसे देखते हुए भारतीय सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

दरअसल, पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को मई 2019 तक इन शिविरों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाए जाने की बात कही थी। ऐसा न किए जाने पर पाक को दी जाने वाली रकम रोकी जा सकती है। 

हमला होता है तो इस्लामाबाद जिम्मेदार नहीं: इमरान खान

सूत्रों के अनुसार, पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने दो दिन पहले संसद के संयुक्त सत्र में कहा था कि भारत में अगर दोबारा पुलवामा जैसा हमला होता है तो इसके लिए इस्लामाबाद जिम्मेदार नहीं होगा। इमरान का यह बयान जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और आईएसआई के हैंडलर्स को आतंकी शिविरों को दोबारा सक्रिय किए जाने छूट देने जैसा है।

मसूद अजहर का भाई इब्राहिम पीओके में दिखा

खुफिया रिपोर्ट्स में यह खुलासा हुआ है कि जैश, लश्कर और तालिबान के लगभग 150 सदस्य कथित तौर पर कोटली के निकट फागूश और कुंड शिविरों और मुजफ्फराबाद क्षेत्र में शवाई नल्लाह और अब्दुल्लाह बिन मसूद शिविरों में इकट्ठे हुए हैं। पिछले दिनों मसूद अजहर का भाई इब्राहिम अतहर भी पीओके में दिखा था।

डोभाल ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की

कश्मीर में मौजूद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। इसमें आईबी के निदेशक अरविंद कुमार, जम्मू एवं कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह और सेना के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। इस दौरान सुरक्षा रणनीति और आतंकी खतरों पर चर्चा हुई।