IPL2021 / IPL 2021 में जानिए कौन सी टीम करेगी कौन से खिलाड़ी को बाहर

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2021 की नीलामी 11 फरवरी को हो सकती है। IPL गवर्निंग काउंसिल ने सभी 8 फ्रेंचाइजी को 21 जनवरी तक रिटेन खिलाड़ियों की लिस्ट जमा करने को कहा है। काउंसिल ने सोमवार को वर्चुअल मीटिंग के जरिए इस पर बात की।क्रिकेट वेबसाइट ईएसपीएन क्रिकइंफो के मुताबिक, इस बार मिनी ऑक्शन हो सकता है। मीटिंग में ट्रेडिंग विंडो को भी ओपन कर दिया गया है।टूर्नामेंट की तारीख और वेन्यू पर अभी फैसला नहीं लिया गया है।

Vikrant Shekhawat : Jan 07, 2021, 10:32 PM
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2021 की नीलामी 11 फरवरी को हो सकती है। IPL गवर्निंग काउंसिल ने सभी 8 फ्रेंचाइजी को 21 जनवरी तक रिटेन खिलाड़ियों की लिस्ट जमा करने को कहा है। काउंसिल ने सोमवार को वर्चुअल मीटिंग के जरिए इस पर बात की।


क्रिकेट वेबसाइट ईएसपीएन क्रिकइंफो के मुताबिक, इस बार मिनी ऑक्शन हो सकता है। मीटिंग में ट्रेडिंग विंडो को भी ओपन कर दिया गया है। टूर्नामेंट की तारीख और वेन्यू पर अभी फैसला नहीं लिया गया है। IPL के लिए पहली पसंद भारत ही है, लेकिन कोरोना को देखते हुए इसे एक बार फिर UAE में भी आयोजित किया जा सकता है।


होम-अवे बेसिस पर मैच कराने में हो सकती है मुश्किल:

तीन सदस्यीय IPL गवर्निंग पैनल में शामिल बृजेश पटेल और प्रज्ञान ओझा ने वेन्यू को लेकर भी चर्चा की, लेकिन अभी कोई फैसला नहीं हो सका। भारत में IPL कराने का मतलब है कि सभी टीमों का होम-अवे (होम ग्राउंड और बाहर) बेसिस पर मैच कराना। यानी कि कुल 8 टीमों के लिए 8 वेन्यू होंगे।


कोरोनाकाल में 8 जगहों पर बायो-बबल तैयार कर खिलाड़ियों को रखने में भी मुश्किल हो सकती है। ऐसे में BCCI को इस पर भी फैसला लेना है। साथ ही 2 स्टेडियम के बीच दूरी को कम करने को लेकर भी फैसला लिया जाना है, ताकि कोरोनाकाल में खिलाड़ियों को कम दूरी तय करनी पड़े। इससे पहले 13वें सीजन का सफल आयोजन UAE में किया गया था।


IPL नीलामी की प्रक्रिया क्या है?

IPL में 2 तरह की नीलामी होती है- मेगा और मिनी। दोनों ही तरह की नीलामी में फाइनल लिस्ट में शामिल खिलाड़ियों को कैप्ड, अनकैप्ड और ओवरसीज (विदेशी) के हिसाब से बांटा जाएगा। साथ ही उनके रोल के हिसाब से बल्लेबाजों, गेंदबाजों, विकेटकीपर और ऑलराउंडर्स के अलग-अलग ग्रुप में रखा जाएगा। सबसे पहले बल्लेबाजों पर बोली लगेगी और नीलामकर्ता खिलाड़ी का बेस प्राइस पुकारेगा। फिर फ्रेंचाइजी पैडल उठाकर बोली लगाना शुरू करेंगी। यह उस सूरत में बढ़ जाएगी जब एक से ज्यादा टीम खिलाड़ी पर बोली लगाएगी।


आखिर में जिस फ्रेंचाइजी ने सबसे बड़ी बोली लगाई होगी, खिलाड़ी उसका हो जाएगा। ऐसा खिलाड़ी 'सोल्ड' कैटेगरी में चला जाएगा और नीलामी खत्म होगी। खिलाड़ी उस सूरत में नहीं बिकेगा, जब किसी भी फ्रेंचाइजी ने उसके लिए बोली नहीं लगाई या नीलामकर्ता को प्रक्रिया में किसी तरह गतिरोध लगता है।


एक टीम में मैक्सिमम और मिनिमम कितने खिलाड़ी होंगे?

सभी फ्रेंचाइजी अपनी टीम में मैक्सिमम 25 और मिनिमम 18 खिलाड़ी रख सकती हैं। किसी भी टीम में ज्यादा से ज्यादा 8 विदेशी खिलाड़ी हो सकते हैं।


क्या अनसोल्ड खिलाड़ी बिकेंगे ?

अनसोल्ड खिलाड़ी तभी बिकेंगे, जब फ्रेंचाइजी इन्हें दोबारा खरीदने की इच्छा जताएगी। यह नीलामी के अंतिम चरण में होगा।


मेगा ऑक्शन क्या है?

आखिरी मेगा ऑक्शन 2018 में हुआ था, क्योंकि चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स 2 साल का बैन झेलने के बाद लीग में वापस आई थी। इस मेगा ऑक्शन में 182 स्लॉट के लिए 13 देशों के 578 खिलाड़ियों को चुनने के लिए 8 टीमों ने बोली लगाई थी।


  • मेगा ऑक्शन में फ्रेंचाइजी को अधिकतम 5 खिलाड़ियों को रिटेन करने की परमिशन होती है। बाकी सभी खिलाड़ी ऑक्शन में शामिल होते हैं। इन्हें कोई भी फ्रैंचाइजी नीलामी में खरीद सकती है। इसमें नए सिरे से टीमें बनती हैं।
  • 3 खिलाड़ियों को फ्रेंचाइजी शुरुआती राउंड में और 2 खिलाड़ियों को ऑक्शन के दौरान राइट टू मैच कार्ड से रिटेन कर सकती है।
  • फ्रेंचाइजी द्वारा रिटेन किए गए 3 खिलाड़ियों में 2 विदेशी प्लेयर भी हो सकते हैं।
  • इसके अलावा फ्रेंचाइजी राइट टू मैच कार्ड का इस्तेमाल कर भी पिछले स्क्वॉड में शामिल खिलाड़ियों को ला सकती है। सभी फ्रेंचाइजी के पास 2 राइट टू मैच कार्ड होते हैं।
  • अगर शुरुआती राउंड में 3 में से 2 रिटेन खिलाड़ी विदेशी होते हैं, तो फ्रेंचाइजी राइट टू मैच कार्ड से किसी भी विदेशी खिलाड़ी को स्क्वॉड में शामिल नहीं कर सकती है। अगर 3 में से 1 रिटेन खिलाड़ी विदेशी होता है, तो फ्रेंचाइजी राइट टू मैच कार्ड से 1 विदेशी खिलाड़ी को टीम में शामिल कर सकती है।
मिनी ऑक्शन क्या है?

पिछले साल यानी 2020 में मिनी ऑक्शन हुआ था। जिसमें 73 स्लॉट पर 332 खिलाड़ियों को चुनने के लिए 8 टीमों ने बोली लगाई थी। इसमें से सिर्फ 29 विदेशी और भारत के 33 खिलाड़ियों समेत कुल 62 खिलाड़ी ही खरीदे गए थे।


  • मिनी ऑक्शन में फ्रेंचाइजी को टीम में बचे गैप को फिल करने के लिए बोली लगानी होती है। इसमें फ्रेंचाइजी ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों को रिटेन कर सकती है। रिटेन खिलाड़ियों के अलावा बाकी सभी को ट्रेड विंडो में डाल दिया जाएगा।
  • फ्रेंचाइजी को एक तय समय के अंदर IPL गवर्निंग काउंसिल को अपने-अपने स्क्वॉड से रिटेन खिलाड़ियों की लिस्ट और निकाले गए खिलाड़ियों की लिस्ट देनी पड़ती है।
  • निकाले गए खिलाड़ियों की सैलरी कैप से आए रुपए और IPL द्वारा जोड़े गए पैसों को मिलाकर फ्रेंचाइजी नए खिलाड़ियों को खरीदती है।
  • फ्रेंचाइजी को स्क्वॉड की फुल स्ट्रेंथ (देशी-विदेशी प्लेयर) को ध्यान में रखते हुए प्लेयर्स खरीदने होते हैं।
  • ऑक्शन के अलावा टीमों के पास ट्रेड विंडो का भी ऑप्शन: इसके अलावा टीमों के पास ट्रांसफर विंडो (ट्रेड विंडो) का भी ऑप्शन होगा। इसके तहत खिलाड़ी दोनों टीमों की आपसी रजामंदी से फ्रेंचाइजी बदल सकते हैं। इसमें अनकैप्ड के साथ-साथ कैप्ड प्लेयर्स को भी टीमें ट्रेड कर सकेंगी। IPL गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन बृजेश पटेल के मुताबिक 4 फरवरी को ट्रेड विंडो को बंद कर दिया जाएगा।

मुंबई और दिल्ली फ्रेंचाइजी को फायदा:

ज्यादातर टीमों को IPL 2021 से पहले मेगा ऑक्शन होने की उम्मीद थी, ऐसे में 13वें सीजन की नीलामी में उन्होंने स्क्वॉड में बड़े बदलाव नहीं किए। मिनी ऑक्शन होने पर सबसे ज्यादा फायदा दिल्ली और मुंबई जैसी फ्रेंचाइजी को हो सकता है, क्योंकि उनके पास अच्छे प्लेयर्स और रिटेन करने के बेहतर ऑप्शन हैं। वहीं, चेन्नई फ्रेंचाइजी को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। चेन्नई की टीम पिछले सीजन में 7वें नंबर पर रही थी।


13वें सीजन में कमजोर बल्लेबाजी CSK की असफलता का मुख्य कारण बनी। सुरेश रैना की गैरमौजूदगी में शेन वाटसन और अंबाती रायडू लगातार अच्छा प्रदर्शन करने में असफल रहे। मेगा ऑक्शन के न होने का मतलब है कि CSK टीम स्क्वॉड में मौजूद खराब फॉर्म से जूझ रहे खिलाड़ियों को रिलीज नहीं कर सकेगी।


साथ ही रैना के अगले सीजन में खेलने को लेकर भी सस्पेंस है, क्योंकि उनका कॉन्ट्रेक्ट 13वें सीजन के साथ खत्म हो गया। मेगा ऑक्शन के जरिए CSK टीम मैनेजमेंट इन सभी खिलाड़ियों के विकल्प तलाश सकता था, लेकिन अब ऐसी संभावना नहीं दिख रही है।


किस फ्रेंचाइजी के पास फिलहाल कितनी रकम?

टीम के बजट में इस बार कोई बदलाव नहीं किया गया है। टीमों के पर्स में पिछली बार की तरह इस बार भी 85 करोड़ रुपए ही होंगे। इसमें रिटेन किए गए प्लेयर्स की कीमत शामिल होगी। चेन्नई के पर्स में फिलहाल सिर्फ 15 लाख रुपए बचे हैं। वहीं, किंग्स इलेवन पंजाब के पर्स में सबसे ज्यादा 16.5 करोड़ रुपए हैं।

टीम
पर्स में फिलहाल कितनी रकम
किंग्स इलेवन पंजाब
16.5 करोड़ रुपए
राजस्थान रॉयल्स
14.75 करोड़ रुपए
सनराइजर्स हैदराबाद
10.1 करोड़ रुपए
दिल्ली कैपिटल्स
9 करोड़ रुपए
कोलकाता नाइटराइडर्स
8.5 करोड़ रुपए
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु
6.4 करोड़ रुपए
मुंबई इंडियंस
1.95 करोड़ रुपए
चेन्नई सुपर किंग्स
0.15 करोड़ रुपए