AajTak : Aug 19, 2020, 02:13 PM
विशेष | तीव्र और निर्भय यानी दुश्मन से तेज और न डरने वाला। ऐसा है पाकिस्तान की सीमा पर तैनात किया जाने वाला फ्लाइंग बुलेट एलसीए तेजस (LCA Tejas)। आखिरकार तेजस को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की सीमा के आसपास क्यों तैनात किया है? जबकि, पाकिस्तान के पास चीन से मिले कई अत्याधुनिक फाइटर जेट्स हैं। आइए जानते हैं कि हमारा तेजस पाकिस्तान को चीन से मिले JF-17 फाइटर जेट से कितना दमदार है। अगर ये पाकिस्तान की सीमा में जाएगा तो कितना कहर बरपाएगा...पहली दमदार बात ये है कि LCA Tejas स्वदेशी है। इसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी ने दिया था। जबकि, पाकिस्तान के पास मौजूद जेएफ-17 (JF-17) फाइटर जेट उसने चीन से खरीदा है। जेएफ-17 में 58 फीसदी एयरफ्रेम पाकिस्तानी है और बाकी 42 फीसदी चीन और रूस का डिजाइन है।तेजस 42% कार्बन फाइबर, 43% एल्यूमीनियम एलॉय और टाइटेनियम से बनाया गया है। तेजस सिंगल सीटर पायलट वाला विमान है, लेकिन इसका ट्रेनर वेरिएंट 2 सीटर है। जेएफ-17 के भी दो वैरिएंट हैं। ब्लॉक-1 सिंगल सीटर और ब्लॉक-2 टू सीटर।तेजस हवा से हवा में हवा से जमीन पर मिसाइल दाग सकता है। इसमें एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट भी लगाए जा सकते हैं। तेजस एक बार में 54 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। इसमें इजरायल का बेहतरीन मल्टी मोड राडार सिस्टम लगा है। जो दुश्मन को चकमा देने का काम आता है।जेएफ-17 की अधिकतम स्पीड 1975 किलोमीटर प्रतिघंटा है। जबकि तेजस की 2222 किमी प्रति घंटा है। जेएफ-17 एक बार में 12,383 किलोग्राम वजन उठा सकता है, जबकि तेजस 13,500 किलोग्राम।तेजस 43।4 फीट लंबा और 14।9 फीट ऊंचा है। जबकि, जेएफ-17 फाइटर जेट 49 फीट लंबा और 15।5 फीट ऊंचा है। तेजस लड़ाकू विमान जेएफ-17 से वजन में भी हल्का है और आकार में भी छोटा है जो उसे क्लोज कॉम्बैट में मदद करता है।6 तरह की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें हो सकती हैं तैनात। ये हैं- डर्बी, पाइथन-5, आर-73, अस्त्र, असराम, मेटियोर। 2 तरह की हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें यानी ब्रह्मोस-एनजी और एंटी-रेडिएशन मिसाइल और ब्रह्मोस-एनजी एंटी शिप मिसाइल।तेजस में लेजर गाइडेड बम, ग्लाइड बम और क्लस्टर वेपन लगाए जा सकते हैं। जेएफ में ऐसे हथियर लगाए जा सकते हैं लेकिन उसकी सबसे बड़ी कमजोरी है मल्टी मोड राडार सिस्टम। इसलिए यह तेजस के हमले से बच नहीं सकता।