Vikrant Shekhawat : Oct 14, 2020, 08:37 AM
नई दिल्ली: बाबा का ढाबा अब दिल्ली में बहुत प्रसिद्ध है। सोशल मीडिया ने कांता प्रसाद और बादामी देवी नाम के इस बुजुर्ग जोड़े को रातों रात 'बाबा का ढाबा' चलाने के लिए मजबूर कर दिया। एक तरफ, लॉकडाउन में ग्राहकों की भारी कमी थी, इसलिए अब मालवीय नगर के इस 'बाबा का ढाबा' में ग्राहकों की एक पंक्ति है। प्रायोजक कंपनियों की भी कमी नहीं है। ऐसे में उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया है।
ऐसे हुई थी शादीकांता प्रसाद को अपनी शादी की कुछ झलकियाँ याद हैं। उन्होंने कहा कि उनकी शादी 5 साल की उम्र में हुई थी और बादामी सिर्फ 3 साल की थी। उन्होंने बताया, 'हमें नए कपड़े दिए गए और सभी रस्में हुईं। यह हमारे लिए पिकनिक जैसा था। हमें शादी के बारे में पता नहीं था। हम साल में एक बार दोस्तों की तरह मिलते थे। जब हम बड़े हुए तो हमें अपने रिश्ते के बारे में पता चला। मैं 21 साल का था, जब बादामी हमारे साथ रहने के लिए आया और हमारी दोस्ती प्यार में बदल गई। और हम साथ-साथ रहते रहे।
ढाबा वाले बाबा और अम्मा की कहानीकांता प्रसाद (80) और उनकी पत्नी बादामी देवी (78) पिछले 30 वर्षों से 'बाबा का ढाबा' चला रहे हैं। ऐसे में लोग उनके बारे में भी जानना चाहते हैं। इस बीच, ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे सोशल मीडिया पेज ने कांता प्रसाद और बादामी देवी की कहानी को एक साथ साझा किया है।
ऐसे हुई थी शादीकांता प्रसाद को अपनी शादी की कुछ झलकियाँ याद हैं। उन्होंने कहा कि उनकी शादी 5 साल की उम्र में हुई थी और बादामी सिर्फ 3 साल की थी। उन्होंने बताया, 'हमें नए कपड़े दिए गए और सभी रस्में हुईं। यह हमारे लिए पिकनिक जैसा था। हमें शादी के बारे में पता नहीं था। हम साल में एक बार दोस्तों की तरह मिलते थे। जब हम बड़े हुए तो हमें अपने रिश्ते के बारे में पता चला। मैं 21 साल का था, जब बादामी हमारे साथ रहने के लिए आया और हमारी दोस्ती प्यार में बदल गई। और हम साथ-साथ रहते रहे।