Vikrant Shekhawat : Jun 22, 2023, 01:44 PM
PM Modi US Visit: पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान कई बड़े समझौते होने की उम्मीद है. भारत और यूएस के रणनीतिक संबंध हैं. इस वक्त दुनिया की राजनीति बदली हुई है. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण कई देशों के लिए विकट समस्या खड़ी हो गई. अमेरिका, ब्रिटेन सहित यूरोप के ज्यादातर देश यूक्रेन के साथ खड़ा है. लेकिन चीन रूस को समर्थन दे रहा है. चीन ऐसा इसलिए कर रहा है क्योंकि रूस-भारत के दशकों पुराने संबंध रहे हैं.चीन-भारत के संबंधों में तनाव है. चीन ऐसा करके रूस को अपने पाले में करने की योजना बना रहा है. रूस कहीं न कहीं भारत-अमेरिका के बीच बढ़ते संबंधों से भी कुछ नाखुश है. हालांकि जब से रूस और यूक्रेन का युद्ध शुरू हुआ है भारत ने कहीं भी रूस के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया. पीएम मोदी के इस दौरे पर दोनों देशों के बीच डिफेंस, टेक्नॉलिजी, साइबर सिक्योरिटी, बिजनेस संबंधी कई डील हो सकती है.US ने भारत को दिया ऑफरअमेरिका ने भारत को स्ट्राइकर बख्तरबंद सैन्य वाहन (Stryker Armoured Vehicles) और अपग्रेड M777 गन देने का ऑफर किया है. इनके शामिल हो जाने से सैन्य ताकत में बढ़ोत्तरी होगी. वो भी ऐसे वक्त पर जब चीन, भारत पर नजरें गड़ाए बैठा है. ड्रैगन का आप भरोसा नहीं कर सकते. इसलिए हर वक्त तैयारी पूरी होनी चाहिए. करीब एक पखवाड़े पहले सैटेलाइट तस्वीरों से चीन की नापाक हरकतों का खुलासा हुआ था.बख्तरबंद वाहन और M-777 लेटेस्ट गनचीन युद्ध जैसी तैयारियों में जुटा हुआ है. स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहन हर चुनौती पर खरा उतरने वाला है. अफगानिस्तान युद्ध क्षेत्र में इसका इस्तेमाल किया गया है. 155 MM एम 777 होवित्जर गन को आसानी से हेलीकॉप्टर से पहाड़ की चोटियों तक ले जाया जा सकता है. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पेंटागन ने नई दिल्ली को आठ पहियों वाले Stryker Armoured Vehicles और M777 गन का ऑफर दिया है.युद्ध और विद्रोह के समय हो सकेगा इस्तेमालइसके अलावा MQ-9 रीपर ड्रोन और टेक्नॉलिजी ट्रांसफर के तहत पूरी तरह से भारत में GE-F414 विमान इंजन का निर्माण भी इसमें शामिल है. अब आगे ये देखना होगा कि भारत किस तरह से इसकी डील करता है. स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहन जनरल डायनेमिक्स लैंड सिस्टम द्वारा बनाई गई है. इसका प्रयोग आप किसी भी तरह के युद्ध या विद्रोह का तेजी से मुकाबला करने के लिए कर सकते हैं. ये बख्तरबंद पैदल सेना वाहन है. 30mm तोप और 105 मिमी बंदूक से ये वाहन लैस होता है. स्ट्राइकर का इस्तेमाल अफगानिस्तान में तालिबान को टक्कर देने के लिए अमेरिकी और नाटो सेना ने किया था.किसी भी आपात स्थिति से निपटने में सक्षम है 155mm M777अब यूएस भारत को इसकी पेशकश कर रहा है. लेकिन मोदी सरकार आत्मनिर्भर भारत के तहत इस वाहन का स्थानीय निर्माण चाहती हैं. वो चाहते हैं कि देश में ही इनका निर्माण हो. यूएस, भारत की उत्तरी सीमाओं पर चुनौती की मुकाबला करने क लिए एकदम सटीक और लंबी दूरी के गोला-बारूद के साथ 155mm M777 हॉवित्जर को भी अपग्रेड करने का ऑफर दिया है. भारत के पास पहले से ही 145mm हॉवित्जर तोपे हैं. इनका वजन हल्का होता है इसलिए किसी भी आपात स्थिति में इसे हेलीकॉप्टर से लिफ्ट कराकर, अरुणाचल, जम्मू कश्मीर, या फिर किसी भी पहाड़ी इलाकों में ले जाया जा सकता है.