Zee News : Aug 09, 2020, 07:29 AM
मॉरीशस: हिंद महासागर स्थित में भारत (India) के पड़ोसी मॉरीशस (Mauritius) ने तट पर फंसे जापानी जहाज से कई टन ईंधन का रिसाव शुरू होने के बाद शुक्रवार देर रात 'पर्यावरणीय आपातकाल' (Environmental emergency) का ऐलान कर दिया। सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों में उन पर्यावरणीय इलाकों के पास पानी में गहरे रंग का तैलीय पदार्थ फैलता दिखा जिन्हें सरकार ने 'बेहद संवेदनशील' बताया है।
फ्रांस से की मदद की अपीलमॉरीशस ने कहा है कि जापानी शिप एमवी वाकाशिओ (MV Wakashio) में करीब 4 हजार टन ईंधन भरा था, जिसके रिसाव को बेहद खतरनाक बताया गया है। देश के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ (Prime Minister Pravind Jugnauth) ने इससे पहले दोपहर में कहा था कि उनकी सरकार मदद के लिए फ्रांस से अपील कर रही है। उन्होंने ये भी कहा था कि रिसाव के रूप में आई ये आपदा करीब 13 लाख आबादी वाले उनके देश के लिए 'खतरा' है जो पूरी तरह से पर्यटन पर निर्भर है।वहीं कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के प्रभावों की वजह से पहले से ही बुरी तरह प्रभावित है। उन्होंने कहा, 'हमारे देश के पास फंसे हुए पोतों को फिर से प्रवाहमान बनाने का कौशल और विशेषज्ञता हासिल नहीं है, इसलिए मैंने फ्रांस और राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से मदद की अपील की है।'उन्होंने कहा कि खराब मौसम से कार्रवाई करना असंभव हो गया है और 'मुझे इस बात की चिंता है कि रविवार को क्या होगा जब मौसम और खराब हो जाएगा।'
खराब मौसम के चलते हालात और बिगड़ गएपीएम के मुताबिक “उनके देश के पास ऐसी स्थिति से निपटने के लिए न तो कोई तैयारी है और न ही ऐसी आपदा का सामना करने का तकनीकि कौशल है, इसलिए मैने फ्रांस और राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रो से मदद की अपील की है। अपने बयान में उन्होने ये भी कहा कि खराब मौसम के चलते हालात और बिगड़ गए हैं और मुझे चिंता है रविवार तक और मुश्किल बढ़ सकती है।ऑनलाइन शिप ट्रैकर में देखा गया कि पनामा का झंडा लगा ये जहाज चीन से ब्राजील जा रहा था। और इसकी निचली सतह में दरार का पता चलते ही, टीम ने शिप को खाली कराने की मुहिम शुरू की थी। वहीं हालात काबू करने के लिए करीब 400 सी बूम (Sea booms) लगाए गए हैं। सरकारी बयान में कहा गया है कि शिप करीब 25 जुलाई को वहां पहुंचा था जब नेशनल कोस्ट गार्ड की टीम को मदद का पहला संदेश भेजा गया। वहीं सरकार ने घटना की पुलिस जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
फ्रांस से की मदद की अपीलमॉरीशस ने कहा है कि जापानी शिप एमवी वाकाशिओ (MV Wakashio) में करीब 4 हजार टन ईंधन भरा था, जिसके रिसाव को बेहद खतरनाक बताया गया है। देश के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ (Prime Minister Pravind Jugnauth) ने इससे पहले दोपहर में कहा था कि उनकी सरकार मदद के लिए फ्रांस से अपील कर रही है। उन्होंने ये भी कहा था कि रिसाव के रूप में आई ये आपदा करीब 13 लाख आबादी वाले उनके देश के लिए 'खतरा' है जो पूरी तरह से पर्यटन पर निर्भर है।वहीं कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के प्रभावों की वजह से पहले से ही बुरी तरह प्रभावित है। उन्होंने कहा, 'हमारे देश के पास फंसे हुए पोतों को फिर से प्रवाहमान बनाने का कौशल और विशेषज्ञता हासिल नहीं है, इसलिए मैंने फ्रांस और राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से मदद की अपील की है।'उन्होंने कहा कि खराब मौसम से कार्रवाई करना असंभव हो गया है और 'मुझे इस बात की चिंता है कि रविवार को क्या होगा जब मौसम और खराब हो जाएगा।'
खराब मौसम के चलते हालात और बिगड़ गएपीएम के मुताबिक “उनके देश के पास ऐसी स्थिति से निपटने के लिए न तो कोई तैयारी है और न ही ऐसी आपदा का सामना करने का तकनीकि कौशल है, इसलिए मैने फ्रांस और राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रो से मदद की अपील की है। अपने बयान में उन्होने ये भी कहा कि खराब मौसम के चलते हालात और बिगड़ गए हैं और मुझे चिंता है रविवार तक और मुश्किल बढ़ सकती है।ऑनलाइन शिप ट्रैकर में देखा गया कि पनामा का झंडा लगा ये जहाज चीन से ब्राजील जा रहा था। और इसकी निचली सतह में दरार का पता चलते ही, टीम ने शिप को खाली कराने की मुहिम शुरू की थी। वहीं हालात काबू करने के लिए करीब 400 सी बूम (Sea booms) लगाए गए हैं। सरकारी बयान में कहा गया है कि शिप करीब 25 जुलाई को वहां पहुंचा था जब नेशनल कोस्ट गार्ड की टीम को मदद का पहला संदेश भेजा गया। वहीं सरकार ने घटना की पुलिस जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।