- भारत,
- 24-Apr-2025 08:20 PM IST
- (, अपडेटेड 24-Apr-2025 03:57 PM IST)
Pahalgam Terror Attack: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने न केवल भारत को गहरे शोक में डुबोया, बल्कि पूरे राष्ट्र को एकजुट कर दिया। इस हमले में मारे गए मासूम पर्यटकों की पीड़ा पूरे देश की आत्मा को झकझोर गई है। इसी पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिहार दौरे के दौरान दिया गया भाषण केवल एक राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत के अब तक के सबसे निर्णायक और सख्त रुख की घोषणा बन गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बात बिना किसी लागलपेट के रखते हुए दो टूक कहा कि “ये हमला भारत की आत्मा पर है, और अब वक्त आ गया है कि आतंकवाद की जड़ों को पूरी तरह नष्ट कर दिया जाए।” उनका यह बयान न केवल देश के लोगों को सांत्वना देने वाला था, बल्कि उन ताकतों के लिए चेतावनी भी था जो भारत की शांति भंग करने का दुस्साहस करते हैं।
बिना नाम लिए पाकिस्तान पर तीखा हमला
पीएम मोदी ने आतंकियों और उनके सरपरस्तों को उनकी "कल्पना से बड़ी सजा" देने की बात कहकर स्पष्ट संकेत दिया कि भारत अब केवल रक्षा नहीं, बल्कि प्रतिकार की नीति पर काम करेगा। बिना पाकिस्तान का नाम लिए उन्होंने दुनिया को यह संदेश दे दिया कि जो देश आतंकियों को पनाह देते हैं, वे अब भारत की सहनशीलता की सीमा के बाहर आ चुके हैं। हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी में भी यह संदेश देकर प्रधानमंत्री ने यह भी सुनिश्चित किया कि यह आवाज सिर्फ भारत तक सीमित न रहे, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर गूंजे।
पीड़ितों के लिए संवेदना, लेकिन कठोरता में कोई कमी नहीं
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत हमले में मारे गए नागरिकों को श्रद्धांजलि देकर की। उन्होंने इस हमले को "भारत के हर कोने के नागरिकों" पर हमला बताते हुए कहा कि इससे न केवल बहुभाषी भारत का, बल्कि एकता और अखंडता का हृदय घायल हुआ है। “कोई बंगला बोलता था, कोई कन्नड़, कोई मराठी... लेकिन हमारा दुख और गुस्सा एक जैसा है।” इन शब्दों से उन्होंने पूरे देश को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया।
दुनिया के लिए चेतावनी, सहयोगियों के लिए धन्यवाद
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में एक वैश्विक अपील भी की — “हर वो देश जो मानवता में विश्वास करता है, हमारे साथ है।” यह केवल भारत का युद्ध नहीं है, यह सभ्यताओं की रक्षा का संग्राम है। उन्होंने उन देशों और नेताओं को धन्यवाद दिया जो भारत के साथ खड़े हैं और यह स्पष्ट किया कि अब ‘शांति और सुरक्षा’ केवल नारा नहीं, बल्कि ‘तेज विकास’ की अनिवार्य शर्त है।
"विकसित भारत के लिए विकसित बिहार जरूरी है"
पीएम मोदी ने अपने बिहार दौरे को केवल एक सुरक्षा भाषण तक सीमित नहीं रखा, बल्कि यह भी जोड़ा कि देश का विकास, खासकर बिहार जैसे राज्यों का विकास, भारत के वैश्विक नेतृत्व की नींव है। यह बात यह दर्शाती है कि सुरक्षा और विकास दोनों को साथ लेकर चलना इस सरकार की रणनीति है।