देश / धारा 370 और 35A हटने के बाद J&K की नागरिकता लेने वाले पहले IAS अधिकारी बने नवीन कुमार

जम्मू-कश्मीर कैडर के 1994 बैच के सीनियर IAS अधिकारी नवीन कुमार चौधरी राज्य की नागरिकता ग्रहण करने वाले पहले आईएएस अधिकारी बन गए हैं। बिहार के रहने वाले नवीन कुमार चौधरी ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35A हटने के बाद कश्मीर की नागरिकता ग्रहण करने के लिए आवेदन किया था। जिस पर कार्रवाई करते हुए कम्पीटेंट अथॉरिटी तहसीलदार डॉ रोहित कुमार ने 24 जून को राज्य के नए नागरिकता कानून के तहत उन्हें प्रमाण पत्र जारी कर दिया।

Zee News : Jun 26, 2020, 05:41 PM
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) कैडर के 1994 बैच के सीनियर IAS अधिकारी नवीन कुमार चौधरी राज्य की नागरिकता ग्रहण करने वाले पहले आईएएस अधिकारी बन गए हैं। बिहार के रहने वाले नवीन कुमार चौधरी ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35A हटने के बाद कश्मीर की नागरिकता ग्रहण करने के लिए आवेदन किया था। जिस पर कार्रवाई करते हुए कम्पीटेंट अथॉरिटी तहसीलदार डॉ रोहित कुमार ने 24 जून को राज्य के नए नागरिकता कानून के तहत उन्हें प्रमाण पत्र जारी कर दिया।

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में पहले सिर्फ राज्य के स्थायी नागरिक को ही नागरिकता मिल सकती थी। लेकिन 18 मई 2020 को लागू यूनियन टेरिटरी डोमिसाइल कानून के तहत राज्य में 15 साल से रह रहे किसी भी बाहरी राज्य के नागरिक को जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल सकती है। इसके अलावा 370 और 35A की आड़ में अपने ही नागरिकों के साथ हो रहा भेदभाव भी अब नए डोमिसाइल कानून के लागू होने से खत्म हो गया है। 


डोमिसाइल सर्टिफिकेट लॉ से क्या बदलाव होंगे?

1. पहले किसी दूसरे राज्य के लड़के से शादी करने पर लड़कियों को मिली जम्मू-कश्मीर की नागरिकता छीन ली जाती थी। लेकिन इस कानून के लागू होने के बाद अब उनकी और उनके बच्चो को भी राज्य की स्थायी नागरिकता का अधिकार होगा।

2. पिछले 73 सालों से जम्मू में रह रहे पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थी को अब राज्य की नागरिकता मिल जाएगी। इसके साथ ही वाल्मीकि समाज और राज्य में रह रहे गोरखा समुदाय के लोग भी नए नागरिकता कानून के तहत जम्मू-कश्मीर के शहरी होंगे। पहले वो पंचायत में वोट नहीं कर सकते थे। लेकिन अब उन्हें वोट देने से लेकर चुनाव में अपना उम्मीदवार खड़ा करने का भी अधिकार मिल गया। राज्य में इनकी कुल संख्या 2 लाख के करीब है।

3. 1947 में पाकिस्तानी कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर से उजड़ कर आये 5300 परिवार जिनकी संख्या भी अब 1 लाख से ज्यादा होगी, उन्हें उस समय शेख अब्दुलाह और जवाहर लाल नेहरू की जोड़ी की बदौलत  राज्य में बसने नही दिया गया था। वो लोग अब इस कानून के तहत नागरिकता केअधिकारी हैं। 

4. राज्य में क्लास चार से लेकर राजपत्रित स्तर की सभी नौकरियों पर यहां के नागरिकों का अधिकार होगा। बिना डोमिसाइल प्रमाण पत्र यहां कोई बाहिरी व्यक्ति नौकरी के लिए अप्लाई करने का भी हकदार नहीं होगा।