Vikrant Shekhawat : Aug 06, 2024, 07:50 PM
Paris Olympic 2024: 7 अगस्त 2021 को टोक्यो में एक जबरदस्त थ्रो से नीरज चोपड़ा ने भारत के ओलंपिक इतिहास में अपना नाम हमेशा के लिए सुनहरे अक्षरों में लिखवा दिया. इस 87.58 मीटर के थ्रो ने नीरज को सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के एथलेटिक्स में मशहूर कर दिया. इस सफलता के 3 साल बाद एक बार फिर नीरज की नजरें उस इतिहास को दोहराने पर हैं, बल्कि नया इतिहास लिखने पर हैं. पेरिस ओलंपिक 2024 में इसी इरादे के साथ उतरे नीरज ने शुरुआत भी हैरतअंगेज की और फाइनल में जगह बना ली. नीरज की इस सफलता के साथ पिछले 3 साल में एक और नाम लगातार आया है और वो है पाकिस्तान के अरशद नदीम, जिन्होंने नीरज को हर बार टक्कर देते रहे हैं लेकिन इन दोनों की दोस्ती भी उतनी ही अच्छी रही है और अब यही दोस्त नीरज के रास्ते में है.कई दिनों के इंतजार के बाद पेरिस ओलंपिक में वो पल आ ही गया, जिसका इंतजार भारतीय फैंस को बेसब्री से था. टोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा का जैवलिन थ्रो क्वालिफिकेशन मैच था. उम्मीद तो यही थी कि नीरज बिना किसी परेशानी के फाइनल में अपनी जगह बना लेंगे और यही हुआ भी लेकिन जिस अंदाज में नीरज ने ये काम किया, वो हैरान करने वाला था. नीरज ने पहले ही थ्रो में ऐसी दूरी तय की, जो पूरे क्वालिफिकेशन में सबसे ज्यादा थी और उन्होंने सिर्फ एक ही थ्रो में ये कमाल कर दिया.सिर्फ एक थ्रो में फाइनल का टिकटपिछले कुछ सालों में जब से नीरज का नाम हर किसी की जुबान पर आया है, तब से ही ऐसा देखने को मिला है कि वो क्वालिफिकेशन के सिर्फ 2-3 थ्रो के अंदर ही फाइनल में जगह बना लेते हैं. इसके बावजूद पेरिस में नीरज ने चौंका ही दिया. उनका पहला ही थ्रो 89.34 मीटर दूर जाकर गिरा और वो फाइनल में पहुंच गए. नीरज हालांकि ऐसा करने वाले अकेले नहीं थे और पाकिस्तान के अरशद नदीम ने भी ऐसे ही दमदार अंदाज में एंट्री मारी. अरशद ने 86.59 मीटर के पहले थ्रो के साथ ही फाइनल में जगह बनाई. जाहिर तौर पर जिस तरह पाकिस्तानी फैंस की नजरें नीरज के प्रदर्शन पर रहती हैं, वैसे ही भारतीय फैंस की नजरें अरशद पर भी रहती हैं, खास तौर पर जब दोनों आमने-सामने हों.दोस्ती की मिसाल ये टक्करनीरज और अरशद की टक्कर को भी आम भारतीय और पाकिस्तानी फैंस अक्सर उसी नजरिए से देखते हैं, जैसे दोनों देशों के रिश्ते हैं और जैसा क्रिकेट में देखा जाता है- खूब कड़वाहट, दुश्मनी और सिर्फ भली-बुरी बातें. लेकिन जिन्होंने भी इन दोनों को फील्ड में टकराते देखा है वो जानते हैं कि नीरज और नदीम के बीच कैसा रिश्ता है. दोनों के बीच कम्पटीशन होना तो स्वाभाविक है लेकिन इस कम्पटीशन में कहीं भी कड़वाहट नहीं है. इसकी पहली झलक 2018 के एशियन गेम्स में दिखी थी जहां नीरज ने गोल्ड जीता था और अरशद ने ब्रॉन्ज जीता था. पोडियम पर दोनों ने जिस तरह एक दूसरे की ओर झुककर हाथ मिलाया और बधाई दी.इस दोस्ती की सबसे अच्छी झलक टोक्यो ओलंपिक में दिखी, जहां नीरज ने गोल्ड जीता और अरशद पांचवें स्थान पर रहे. तब एक वीडियो सामने आया था, जिसमें अरशद थ्रो से पहले नीरज का जैवलिन उठाते दिखे थे. बस यहीं पर अरशद पर भारतीय मीडिया और फैंस हमलावर हो गए थे कि वो नीरज का ध्यान भटकाने के लिए उनका जैवलिन उठा रहे थे. आखिर में नीरज को ही एक वीडियो के जरिए फैंस को शांत करवाना पड़ा, जिसमें उन्होंने बताया कि ये सामान्य प्रक्रिया है और कोई भी किसी का भी जैवलिन इस्तेमाल कर सकता है. इसके बाद अरशद ने भी कहा था कि नीरज उनके लिए बड़े भाई की तरह हैं और वो उनसे सीखते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा लेते हैं.मेडल के लिए दोस्तों में ही होगी ‘दुश्मनी’इसके बाद भी दोनों कई कम्पटीशन में एक साथ दिखे. पिछले साल वर्ल्ड चैंपियनशिप में नीरज ने गोल्ड और अरशद ने सिल्वर जीता था. तब फोटो के लिए नीरज ने ही अरशद को पाकिस्तान का झंडा लेकर आने के लिए कहा. तब तक नीरज ने अरशद को अपने साथ तिरंगे की छांव में रखा और हर किसी का दिल जीत लिया. यही कारण है कि दोनों देशों में नीरज को बहुत सम्मान मिलता है.लेकिन सम्मान से अलग दोनों के बीच टक्कर भी उतनी ही कड़ी है और ये टोक्यो ओलंपिक के बाद से लगातार बेहद करीब होती गई है. नीरज तो लगातार आगे बढ़ ही रहे हैं लेकिन अरशद ने भी जबरदस्त सुधार किया है. कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में नीरज ने हिस्सा नहीं लिया था और वहां अरशद ने 90.18 मीटर का रिकॉर्ड थ्रो फेंकते हुए गोल्ड जीता था. ये 90 मीटर वो मार्क है, जिसे नीरज भी अभी तक पार नहीं कर सके हैं. अब पेरिस में क्वालिफिकेशन में ही साफ हो चुका है कि फाइनल में दोनों के बीच कड़ी टक्कर होने वाली है और नीरज की राह में बड़ा रोड़ा साबित हो सकते हैं.