Vikrant Shekhawat : Feb 11, 2022, 11:58 AM
देश के ज्यादातर हिस्सों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. ऐसे में भारतीय रेल में सफर कर रहे यात्रियों को ठंड से सिकुड़ना पड़ रहा है. रेलवे के आदेश के बाद भी ट्रेनों में यात्रियों को कंबल (Blanket) चादर, तकिया समेत कई चीजें नहीं दी गईं. बता दें कि रेलवे ने कहा था कि वो यात्रियों को पूरी किट उपलब्ध कराएगा, जिनकी कीमत 300 रुपये होगी. इससे रेलवे ने 220 करोड़ रुपये वसूल लिए, लेकिन यात्रियों को ये सुविधा नहीं दी.कोरोना के बाद बंद हो गई थी ये सेवाबता दें, कि पिछले साल कोरोना शुरू होने के बाद रेलवे ने ट्रेनों में कंबल, चादर, तकिया सभी चीजें देना बंद दी थीं. सफर के दौरान यात्रियों को कंबल बगैरह घर से ले जाना पड़ता था. तमाम यात्री घर से कंबल आदि ले जाना पसंद नहीं करते थे. खासकर वो लोग, जो मीटिंग के लिए एक शहर से दूसरे शहर जल्दी जल्दी मूव करते हैं. तमाम यात्री काफी समय से मांग कर रहे थे कि ट्रेनों में सफर के दौरान उन्हें कंबल, चादर दिया जाए.इन चीजों के लिए रेलवे ने एक्सट्रा चार्ज वसूलने का दिया आदेशइसके बाद रेलवे ने ट्रेनों में पूरी किट उपलब्ध कराने की सुविधा शुरू की. रेलवे के आदेश में कहा गया था कि यात्री जरूरत के अनुसार चीजें खरीद सकते हैं, मसलन किसी यात्री को केवल कंबल लेना हो, तो वह कंबल खरीद सकता है और जरूरत होने पर पूरी किट भी 300 रुपये में खरीदी जा सकती है. एक कंबल के लिए 180 रुपये, तकिए के लिए 70 रुपये और चादर के लिए 40 रुपये भुगतान करना होगा. सफर खत्म होने के बाद यात्री इन चीजों को अपने साथ ले जा सकता है.रेलवे ने 220 करोड़ रुपये वसूल लिएरेलवे ने कंबल, चादर ने देकर काफी पैसा बचाया. इन चीजों की धुलाई में खर्च होने वाले लाखों रुपये की भी बचत हुई. दैनिक यात्री एसोसिएशन अध्यक्ष एसएस उप्पल ने बताया कि लिनेन पर 40 से 70 रुपये के बीच का खर्च आता है. रेलवे ने इसकी सुविधा खत्म कर दी, लेकिन टिकट के रेट पर कोई फर्क नहीं पड़ा. इन सब खर्चों को मिलाकर रेलवे ने कुल 220 करोड़ रुपये वसूल लिए.