Vikrant Shekhawat : May 17, 2021, 04:21 PM
नई दिल्ली: मेसेजिंग ऐप वॉट्सऐप ने प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर यूजर्स को कोई मोहलत न देने की बात कही है। वॉट्सऐप ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में कहा कि उसकी ओर से यूजर्स से नए प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करने के लिए पूछा जा रहा है। सोशल मीडिया कंपनी ने अपने वकील कपिल सिब्बल के माध्यम से अदालत को बताया कि उसकी ओर से यूजर्स से प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करने के लिए कहा जा रहा है। यही नहीं जो यूजर इस पॉलिसी को स्वीकार नहीं करेंगे, उनके अकाउंट्स को धीरे-धीरे डिलीट कर दिया जाएगा। कपिल सिब्बल ने बताया, 'हमने यूजर्स से पॉलिसी को लेकर सहमत होने का आग्रह किया है। यदि वे सहमत नहीं होंगे तो हम उन्हें डिलीट कर देंगे.., इस पॉलिसी को स्थगित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।' कंपनी की ओर से प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार्य करने की अनिवार्यता को लेकर विवाद छिड़ गया था। जनवरी में कंपनी की ओर से इस पॉलिसी का ऐलान किया गया था, जिसके बाद उसने इसे मई तक के लिए स्थगित कर दिया था। कंपनी की नई पॉलिसी के मुताबिक वॉट्सऐप को यह अधिकार होगा कि वह यूजर्स के इंटरेक्शन से जुड़ा कुछ डाटा पैरेंट कंपनी फेसबुक से साझा कर सके। हाई कोर्ट की ओर से फिलहाल मामले की सुनवाई को 3 जून तक के लिए टाल दिया गया है। अडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा और याचिकाकर्ताओं की ओर से यथास्थिति की मांग की गई थी। इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई को टालने का फैसला लिया। हालांकि वॉट्सऐप ने सुनवाई के दौरान स्टे लगाने पर विरोध किया। सीमा सिंह और लॉ स्टूडेंट चैतन्य रोहिल्ला की ओर से दायर याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान वॉट्सऐप ने यह बात कही। याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि केंद्र सरकार को आदेश दिया जाए कि वह वॉट्सऐप से इस नई पॉलिसी को वापस लेने के लिए कहे। यदि ऐसा नहीं हो सकता है तो फिर यूजर्स को विकल्प मिले कि वे पॉलिसी को स्वीकार करें या फिर 4 जनवरी, 2021 के अपडेट को न चुनें। विरोध पर पीछे हट गई थी कंपनी, फिर पॉलिसी पर अड़ीउस वक्त विरोध के चलते कंपनी ने अपनी पॉलिसी को वापस ले लिया था, लेकिन फरवरी में कहा था कि वह अपने फैसले पर आगे बढ़ेगी। बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से वॉट्सऐप को लेटर लिखकर प्राइवेसी पॉलिसी को टालने की मांग की थी, लेकिन इसके बाद भी कंपनी ने अपने फैसले को नहीं बदला है। वॉट्सऐप ने दिया डेटा की सुरक्षा का पूरा भरोसाहाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने सरकार और दोनों फेसबुक एवं वॉट्सऐप को नोटिस जारी करते हुए अपना अपना पक्ष रखने को कहा है। पीठ ने सभी पक्षकारों को मामले की अगली सुनवाई 3 जून से पहले जवाब देने को कहा है। इससे पहले वॉट्सऐप ने उच्च न्यायालय को बताया कि उसकी नई निजता नीति किसी व्यक्ति की निजता को प्रभावित नहीं करेगा। कंपनी ने इस बारे में हलफनामा दाखिल कर कहा कि उसका इस्तेमाल करने वाले लोगों की चैट, तस्वीरें या किसी भी तरह की बाते, चाहे वह व्यावसायिक हो या निजी, दोस्त के साथ हो या परिवार के साथ, पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा।वॉट्सऐप ने दिया एफिडेविट- नीति को स्वीकार करने का कोई दबाव नहींवॉट्सऐप ने उसकी नई निजता नीति को चुनौती देने वाली याचिका के जवाब में हलफनामा दाखिल किया है। हलफनामे में कहा है कि वॉट्सऐप का इस्तेमाल करने वाले किसी भी व्यक्ति की कोई भी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाएगी। साथ ही कहा है कि वह अपने किसी भी उपयोगकर्ता को नई निजता नीति को अपनाने के लिए दवाब नहीं डालेगा। हलफनामा में यह भी कहा गया है कि उपयोगकर्ताओं को इस बात की छूट है कि वह उसकी नई नीति को स्वीकार करे या नहीं। वॉट्सऐप ने उच्च न्यायालय में साफ कहा है कि कानूनी तौर पर किसी भी उपयोगकर्ता को अपनी सेवा देने के लिए बाध्य नहीं है, चाहे तो वे उसका प्लेटफार्म छोड़ सकता है और वॉट्सऐप को अपने मोबाइल से डिलीट कर सकता है। सोमवार को पीठ के समक्ष इस मामले की सुनवाई होगी।