Uttar Pradesh / ठंड में तड़प रहे नवजात के लिए भगवान बनकर आईं SHO की पत्नी, अपना दूध पिलाकर बचाई जान

कुछ दिन पहले नॉलेज पार्क इलाके की झाड़ियों में एक नवजात बच्चे के पड़े होने की खबर आई. खबर मिलते ही मौके पर पुलिस उस बच्ची को थाने ले आई. भूख और ठंड के कारण बिलख रही मासूम बच्चा रोए जा रही थी. बच्ची को अस्पताल ले जाने से पहले उसे सबसे ज्यादा जिस चीज की जरूरत थी उसका इंतजाम करना आसान नहीं था. तभी इस बच्ची की खबर SHO विनोद सिंह को लगी तो उन्होंने अपनी पत्नी से बच्ची को फीडिंग कराने के लिए कहा.

Vikrant Shekhawat : Dec 25, 2022, 03:13 PM
Getaer Noida SHO wife save girl child: यूपी (UP) के हाइटेक शहर ग्रेटर नोएडा में एक एसएचओ की पत्नी की जमकर तारीफ हो रही है. एसएचओ का नाम विनोद सिंह है, जिनकी पत्नी ने मानवता की मिशाल पेश करते हुए ठंड में बेसहारा और लावारिस छोड़े गए एक शिशु को अपना दूध पिलाकर उसकी जान बचाई है. 

'पुलिस की एक तस्वीर ऐसी भी'

कुछ दिन पहले नॉलेज पार्क इलाके की झाड़ियों में एक नवजात बच्चे के पड़े होने की खबर आई. खबर मिलते ही मौके पर पुलिस उस बच्ची को थाने ले आई. भूख और ठंड के कारण बिलख रही मासूम बच्चा रोए जा रही थी. बच्ची को अस्पताल ले जाने से पहले उसे सबसे ज्यादा जिस चीज की जरूरत थी उसका इंतजाम करना आसान नहीं था. तभी इस बच्ची की खबर SHO विनोद सिंह को लगी तो उन्होंने अपनी पत्नी से बच्ची को फीडिंग कराने के लिए कहा. इस पर उनकी पत्नी ज्योति फौरन तैयार हो गईं और बच्ची को फीडिंग कराई.

फिलहाल स्वस्थ्य है बच्ची

पुलिस ने कहा कि उन्हें अभी तक बच्ची के माता-पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है जिन्होंने उसे ठंड में इस तरह अकेला छोड़ दिया था. बच्ची की जान बचाने वाली ज्योति के मुताबिक मासूम का शरीर ठंडा था. वो भूखी होने के साथ कांप रही थी. ऐसे में उन्होंने बच्ची को गर्माहट देने के लिए उसे एक कंबल में समेट कर अपने कलेजे से लगाए रखा. आराम मिलने पर उसने रोना बंद कर दिया. कुछ देर बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया. फिलहाल बच्ची की हालत ठीक बताई जा रही है. 

मां-बाप से अपील

ज्योति सिंह ने लोगों से आग्रह किया कि वो किसी भी स्थिति में अपने बच्चों का त्याग न करें. ज्योति ने कहा, 'मुझे समझ नहीं आ रहा है कि कोई एक बच्चे के साथ ऐसा कैसे कर सकता है? बच्चे को तड़पता देखकर मेरे आंसू निकल आए. मैं उसे भूख से बिलखते नहीं देख सकती थी और इसलिए मैंने फौरन ये फैसला लिया. मैं ये मैसेद देना चाहती हूं कि अगर किसी को अपने बच्चे की देखभाल करने में कोई समस्या है, तो उसे अनाथालय या किसी एनजीओ जैसी सुरक्षित जगह ले जाना चाहिए, जहां उनका सही पालन-पोषण हो सके. ऐसा निंदनीय काम करने की जरूरत नहीं है.'