Zee News : Sep 23, 2020, 05:38 PM
नई दिल्ली: कोरोना महामारी के दौरान एक अच्छी खबर आई है। ब्राजील (Brazil) में कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) का विश्लेषण करने वाले नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने कोविड-19 वायरस और डेंगू बुखार (Mosquito-transmitted Dengue Fever) के बीच संबंध पाया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों ने कहा है कि मच्छर से फैलने वाली बीमारी के संपर्क में आने से कोरोना (Covid-19) के खिलाफ प्रतिरक्षा मिल सकती है। डेंगू लोगों को कुछ हद तक रोग प्रतिरोधक क्षमता दे रहा है जो कोरोना वायरस से जूझने में मदद कर रहा है।
दो साल के आंकड़ों के आधार पर विश्लेषणड्यूक यूनिवर्विसिटी (Duke University) के प्रोफेसर मिगुएल निकोलेलिस के नेतृत्व में किया गया यह अध्ययन अभी तक प्रकाशित नहीं किया गया है। इसे सिर्फ रॉयटर्स के साथ साझा किया गया है। उन्होंने वर्ष 2019 और 2020 में डेंगू बुखार के साथ कोरोना के प्रसार का तुलनात्मक आंकड़ा पेश किया।
डेंगू से विकसित एंटीबॉडी कोरोना के खिलाफ कर सकता है कामअध्ययन में पाया गया है कि इस साल और पिछले साल जिन जगहों पर डेंगू फैला हुआ था, वहां कोरोना वायरस की दर में कमी देखी गई है। अध्ययन में कहा गया है कि यह डेंगू के फ्लेववायरस सेरोटाइप और सार्स-को-2 के बीच एक इम्यूनोजिकल क्रॉस-रिएक्टिविटी की पेचीदा संभावना को बढ़ाता है। प्रोफेसर मिगुएल निकोलेलिस ने कहा कि ये आंकडे़ इसलिए भी बहुत रोचक हैं क्योंकि पहले के शोध में पता चला था कि जिन लोगों के खून में डेंगू का एंटीबॉडी है वे कोरोना वायरस एंटीबॉडी टेस्ट में गलत तरीके से पॉजिटिव आ जा रहे थे। वह भी तब जब उन्हें कभी भी कोरोना वायरस संक्रमण नहीं हुआ है।
डेंगू वैक्सीन से मिलेगी कोरोना के खिलाफ सुरक्षाप्रोफेसर मिगुएल निकोलेलिस का कहना है कि अगर यह सही साबित हो जाता है, तो इस परिकल्पना का मतलब यह हो सकता है कि डेंगू संक्रमण या डेंगू वैक्सीन से कोरोना वायरस के खिलाफ कुछ हद तक प्रतिरक्षात्मक सुरक्षा उत्पन्न हो सकती है।
दुनियाभर में कोरोना के मामले 3।5 करोड़ के पारकोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन से निकले इस खतरनाक वायरस से दुनियाभर में करीब 3।5 करोड़ लोग संक्रमित हो गए हैं और 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील कोरोना संक्रमण की संख्या के मामले में सिर्फ अमेरिका और भारत से ही पीछे है। ब्राजील के पराना, सैंटा कैटेरिना, रिओ ग्रैंड डो सुल जैसे इलाकों में जहां डेंगू का कहर पिछले दो सालों में ज्यादा रहा है, वहां कोरोना के कम मामले सामने आए हैं।
दो साल के आंकड़ों के आधार पर विश्लेषणड्यूक यूनिवर्विसिटी (Duke University) के प्रोफेसर मिगुएल निकोलेलिस के नेतृत्व में किया गया यह अध्ययन अभी तक प्रकाशित नहीं किया गया है। इसे सिर्फ रॉयटर्स के साथ साझा किया गया है। उन्होंने वर्ष 2019 और 2020 में डेंगू बुखार के साथ कोरोना के प्रसार का तुलनात्मक आंकड़ा पेश किया।
डेंगू से विकसित एंटीबॉडी कोरोना के खिलाफ कर सकता है कामअध्ययन में पाया गया है कि इस साल और पिछले साल जिन जगहों पर डेंगू फैला हुआ था, वहां कोरोना वायरस की दर में कमी देखी गई है। अध्ययन में कहा गया है कि यह डेंगू के फ्लेववायरस सेरोटाइप और सार्स-को-2 के बीच एक इम्यूनोजिकल क्रॉस-रिएक्टिविटी की पेचीदा संभावना को बढ़ाता है। प्रोफेसर मिगुएल निकोलेलिस ने कहा कि ये आंकडे़ इसलिए भी बहुत रोचक हैं क्योंकि पहले के शोध में पता चला था कि जिन लोगों के खून में डेंगू का एंटीबॉडी है वे कोरोना वायरस एंटीबॉडी टेस्ट में गलत तरीके से पॉजिटिव आ जा रहे थे। वह भी तब जब उन्हें कभी भी कोरोना वायरस संक्रमण नहीं हुआ है।
डेंगू वैक्सीन से मिलेगी कोरोना के खिलाफ सुरक्षाप्रोफेसर मिगुएल निकोलेलिस का कहना है कि अगर यह सही साबित हो जाता है, तो इस परिकल्पना का मतलब यह हो सकता है कि डेंगू संक्रमण या डेंगू वैक्सीन से कोरोना वायरस के खिलाफ कुछ हद तक प्रतिरक्षात्मक सुरक्षा उत्पन्न हो सकती है।
दुनियाभर में कोरोना के मामले 3।5 करोड़ के पारकोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन से निकले इस खतरनाक वायरस से दुनियाभर में करीब 3।5 करोड़ लोग संक्रमित हो गए हैं और 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील कोरोना संक्रमण की संख्या के मामले में सिर्फ अमेरिका और भारत से ही पीछे है। ब्राजील के पराना, सैंटा कैटेरिना, रिओ ग्रैंड डो सुल जैसे इलाकों में जहां डेंगू का कहर पिछले दो सालों में ज्यादा रहा है, वहां कोरोना के कम मामले सामने आए हैं।