Sawan 2022 / सावन के पहले सोमवार शिवलिंग पर चढ़ाएं ये एक चीज, बदल जाएगी तकदीर

हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल 2022 का पांचवा महीना सावन शुरू हो चुका है. सावन माह शिव जी को समर्पित है. सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को है. सावन के हर सोमवार का विशेष महत्व है. पुराणों के अनुसार महादेव को प्रसन्न करने के लिए सावन का माह सर्वोत्तम माना गया है मान्यता है कि जो भक्त सावन सोमवार व्रत रख भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक और पूरे विधि विधान से पूजा करता है उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं

Vikrant Shekhawat : Jul 18, 2022, 07:44 AM
Sawan 2022 First Monday: हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल 2022 का पांचवा महीना सावन शुरू हो चुका है. सावन माह शिव जी को समर्पित है. सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को (First sawan somwar 2022 Date) है. सावन के हर सोमवार का विशेष महत्व है. पुराणों के अनुसार महादेव को प्रसन्न करने के लिए सावन का माह सर्वोत्तम माना गया है. मान्यता है कि जो भक्त सावन सोमवार व्रत रख भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक और पूरे विधि विधान से पूजा करता है उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं. इस बार सावन में चार सोमवार पडेंगे. इस साल सावन के हर सोमवार व्रत की पूजा बेहद खास मानी जा रही है क्योंकि चारों सोमवार पर शुभ योग बन रहे हैं. आइए जानते हैं पहले सावन सोमवार का मुहूर्त, शुभ योग और पूजा विधि.


सावन के सोमवार भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर तरह-तरह की चीजें चढ़ाई जाती हैं. इस दिन शिवलिंग पर गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, भांग, कपूर, दूध, चावल, चंदन और भस्म जैसी चीजें अर्पित की जाती हैं. लेकिन एक चीज ऐसी भी है जो भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है. ज्योतिषियों का कहना है कि यह एक चीज शिवलिंग पर चढ़ाने से इंसान की सोई तकदीर जाग सकती है. 18 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है


रूद्र और शिव पर्यायवाची शब्द हैं. रूद्र शिव का प्रचंड रूप है. भगवान शिव को रूद्राक्ष अर्पित करना बहुत ही शुभ माना जाता है. शास्त्रों में रूद्राक्ष को भगवान शंकर का महाप्रसाद बताया गया है. ऐसा कहते हैं कि भगवान शिव के आंसुओं से पैदा हुए रुद्राक्ष में दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने की ताकत होती है. यह ना सिर्फ भगवान शिव को अर्पित किया जा सकता है. बल्कि इसे धारण भी किया जा सकता है. इसे धारण करने से जीवन की तमाम समस्याएं, रोग, शोक और भय से मुक्ति मिल सकती है


सावन के पहले सोमवार तय मुहूर्त में आप शिवलिंग को रूद्राक्ष अर्पित कर सकते हैं. सुबह 04 बजकर 13 मिनट से लेकर 04 बजकर 54 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा. इसके बाद दोपहर 12 बजे से 12.55 तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. फिर दोपहर 02.45 से 03:40 तक विजय मुहूर्त रहने वाला है. इस बीच आप किसी भी समय शिवलिंग पर रूद्राक्ष चढ़ा सकते हैं.


रवि योग (Ravi yog)


सावन में पहला सोमवार 18 जुलाई 2022 को  रवि योग बन रहा है. ज्योतिष के अनुसार इस योग में शिव जी की पूजा के साथ मंत्र साधना करना लाभदायक होता है. रवि योग में शिव जी की आराधना करते वक्त महामृत्युंजय का जाप करें इससे भय दूर होगा और समस्त कष्टों से मुक्ति मिलेगी.



मौना पंचमी योग (Mauna Panchami yoga)


सावन के पहले सोमवार पर मौना पंचमी का योग भी बन रहा है. मौना पंचमी पर भगवान शिव के साथ नागदेवता की पूजा का विधान है. कहते हैं इस दिन मौन व्रत रखने से मानसिक शक्ति का विकास होता है और शारीरिक तौर पर ऊर्जावान रहने में मदद मिलती है.


शोभन योग (Shobhan Yoga)


सावन महीने के पहले सोमवार पर शोभन योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है. इस योग में व्रत, पूजा-पाठ, जप और साधना करने पर समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है.


सावन सोमवार 2022 पूजा विधि (Sawan somwar 2022 puja vidhi)


सावन सोमवार के सूर्योदय से पूर्व स्नानादि के बाद साफ वस्त्र पहनें. घर में शिवलिंग की पूजा कर रहे हैं तो सबसे पहले शिव जी के समक्ष दाएं हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें.

शिवलिंग पर गंगाजल से​अभिषेक कर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) अर्पित करें. इस दिन भोलेनाथ का गन्ने के रस से अभिषेक करने पर धन लाभ होता है.

21 बेलपत्र पर चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखें और शिवलिंग पर इसी मंत्र जाप करते हुए एक-एक बेलपत्र चढ़ाएं

शिवलिंग का सफेद चंदन और पुष्प से श्रृंगार करें, धतूरा, शमी पत्र, भांग, भस्म, अबीर, गुलाल, अक्षत, केसर, पान, सुपारी, इत्र आदि शिवलिंग पर अर्पित करें.

फल और मिठाई का भोग लगाने के बाद शिव चालीसा का पाठ करें. साथ ही पहला सावन सोमवार पर कई विशिष्ट योग बन रहे हैं ऐसे में शांत मन से शिव के मंत्रों का जाप करना शुभ होगा.

अब सावन सोमवार व्रत कथा का श्रवण करें और भोलेनात की आरती कर प्रसाद लोगों में बांट दें.