देश / संसद में बिना चर्चा के पारित हुआ कृषि कानून वापसी विधेयक 2021

लोकसभा में सोमवार को 3 कृषि कानूनों को वापस लेने का विधेयक (2021) पारित होने के बाद यह राज्यसभा में भी बिना किसी चर्चा के पारित हो गया। राज्यसभा में विपक्ष नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "हमने लखीमपुर खीरी घटना और बिजली बिल समेत...आंदोलन के दौरान हुई कई घटनाओं पर चर्चा की मांग की थी...किसान अब भी प्रदर्शन स्थल...पर हैं।"

Vikrant Shekhawat : Nov 29, 2021, 02:54 PM
नई दिल्ली: कृषि कानूनों की वापसी को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी का वादा शीत सत्र के पहले ही दिन पूरा हो गया है। लोकसभा के बाद अब राज्यसभा से भी कृषि कानूनों की वापसी का विधेयक पारित हो गया है। विपक्ष के हंगामे के बीच इस बिल को मंजूरी मिली है। अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही कानूनों की वापसी की औपचारिकता पूरी हो जाएगी। इन कानूनों की वापसी के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या किसान आंदोलनकारी अब घरों को लौट जाएंगे या फिर अब भी डटे रहेंगे। हालांकि राकेश टिकैत समेत कई किसान नेताओं ने तत्काल वापसी की बात से इनकार किया है।

राकेश टिकैत ने कहा कि हमारी मुख्य मांग एमएसपी कानून है। उस पर सरकार कोई कार्यवाही या बातचीत करती नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा कि इस पर और कुछ अन्य मुद्दों पर सरकार आगे बढ़े तो फिर हम आंदोलन की वापसी पर विचार कर सकते हैं।

लोकसभा से भी पास हो चुका है बिल

इससे पहले तीनों विवादित कृषि कानूनों की वापसी से संबंधित विधेयक को आज लोकसभा में पेश किया गया। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष के हगामे के बीच इसे सदन के पटल पर रखा। विपक्ष के हंगामे के बीच यह बिल लोकसभा से पास हो गया। लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस विधेयक पर सदन में चर्चा की मांग की है।