Vikrant Shekhawat : Jan 30, 2022, 02:04 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज (30 जनवरी को) मन की बात (Mann Ki Baat) के 85वें संस्करण को संबोधित किया. आज का मन की बात का कार्यक्रम इस साल का पहला एपिसोड है. पीएम मोदी (PM Modi) ने आज कई अहम मुद्दों पर देशवासियों से चर्चा की.पीएम मोदी ने बापू को किया यादपीएम मोदी ने कहा कि ये 2022 की पहली ‘मन की बात’ है. आज हम फिर ऐसी चर्चाओं को आगे बढ़ाएंगे, जो हमारे देश और देशवासियों की सकारात्मक प्रेरणाओं और सामूहिक प्रयासों से जुड़ी होती हैं. आज हमारे पूज्य बापू महात्मा गांधी की पुण्यतिथि भी है. 30 जनवरी का ये दिन हमें बापू की शिक्षाओं की याद दिलाता है.राजपथ पर दिखी देश के शौर्य की झांकीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही हमने गणतंत्र दिवस भी मनाया. दिल्ली में राजपथ पर हमने देश के शौर्य और सामर्थ्य की जो झांकी देखी, उसने सबको गर्व और उत्साह से भर दिया है. एक परिवर्तन जो आपने देखा होगा अब गणतंत्र दिवस समारोह 23 जनवरी यानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्म जयंती से शुरू होगा और 30 जनवरी तक यानी महात्मा गांधी की पुण्यतिथि तक चलेगा.पीएम मोदी ने किया नेताजी की प्रतिमा का जिक्रउन्होंने कहा कि इंडिया गेट पर नेताजी की डिजिटल प्रतिमा भी स्थापित की गई है. इस बात का जिस प्रकार से देश ने स्वागत किया, देश के हर कोने से आनंद की जो लहर उठी, हर देशवासी ने जिस प्रकार की भावनाएं प्रकट की उसे हम कभी भूल नहीं सकते हैं. हमने देखा कि इंडिया गेट के समीप ‘अमर जवान ज्योति’ और पास में ही ‘National War Memorial’ पर प्रज्जवलित ज्योति को एक किया गया. इस भावुक अवसर पर कितने ही देशवासियों और शहीद परिवारों की आंखों में आंसू थे.'अमर जवान ज्योति’ की तरह शहीदों का योगदान भी अमरपीएम मोदी ने कहा कि सच में ‘अमर जवान ज्योति’ की ही तरह हमारे शहीद, उनकी प्रेरणा और उनके योगदान भी अमर हैं. मैं आप सभी से कहूंगा, जब भी अवसर मिले ‘National War Memorial’ जरूर जाएं. अमृत महोत्सव के इन आयोजनों के बीच देश में कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिए गए. एक है प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार. ये पुरस्कार उन बच्चों को मिले, जिन्होंने छोटी-सी उम्र में साहसिक और प्रेरणादायी काम किए हैं. हम सबको अपने घरों में इन बच्चों के बारे में जरूर बताना चाहिए. इनसे हमारे बच्चों को भी प्रेरणा मिलेगी और उनके भीतर देश का नाम रोशन करने का उत्साह जगेगा.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में अभी पद्म सम्मान की भी घोषणा हुई है. पद्म पुरस्कार पाने वाले में कई ऐसे नाम भी हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. ये हमारे देश के Unsung Heroes हैं, जिन्होंने साधारण परिस्थितियों में असाधारण काम किए हैं. जैसे कि उत्तराखंड की बसंती देवी को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. बसंती देवी ने अपना पूरा जीवन संघर्षों के बीच जिया.उन्होंने कहा कि चेन्नई के मोहम्मद इब्राहिम 2047 में भारत को रक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी ताकत के रूप में देखना चाहते हैं. वो चाहते हैं कि चंद्रमा पर भारत का अपना Research Base हो और मंगल पर भारत मानव आबादी को बसाने का काम शुरू करे.पीएम मोदी ने कहा कि निश्चित तौर पर भीकाजी कामा स्वाधीनता आंदोलन की सबसे जांबांज महिलाओं में से एक थीं. 1907 में उन्होंने Germany में तिरंगा फहराया था. इस तिरंगे को डिजाइन करने में जिस व्यक्ति ने उनका साथ दिया था, वो थे- श्यामजी कृष्ण वर्मा. शायद परमात्मा की इच्छा होगी ये काम मैं करूं और इस काम का सौभाग्य भी मुझे ही मिला. जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तो साल 2003 में उनकी अस्थियां भारत लाई गई थीं. श्यामजी कृष्ण वर्मा की स्मृति में उनके जन्म स्थान, कच्छ के मांडवी में एक स्मारक का निर्माण भी हुआ है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत शिक्षा और ज्ञान की तपो-भूमि रहा है. हमने शिक्षा को किताबी ज्ञान तक तक ही सीमित नहीं रखा बल्कि इसे जीवन के एक समग्र अनुभव के तौर पर देखा है. भारत शिक्षा और ज्ञान की तपो-भूमि रहा है. हमने शिक्षा को किताबी ज्ञान तक तक ही सीमित नहीं रखा बल्कि इसे जीवन के एक समग्र अनुभव के तौर पर देखा है. ऐसे ही महानुभावों की सूची में एक नाम राजा महेंद्र प्रताप सिंह का है. राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने एक Technical School की स्थापना के लिए अपना घर ही सौंप दिया था. उन्होंने अलीगढ़ और मथुरा में शिक्षा केंद्रों के निर्माण के लिए खूब आर्थिक मदद की.उन्होंने कहा कि मुझे IIT BHU के एक Alumnus के इसी तरह के दान के बारे में भी पता चला है. BHU के पूर्व छात्र जय चौधरी ने IIT BHU Foundation को एक मिलियन डॉलर यानी करीब-करीब साढ़े सात करोड़ रुपये Donate किए. साथियों हमारे देश में अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े बहुत सारे लोग हैं, जो दूसरों की मदद कर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहे हैं. मुझे बेहद खुशी है कि इस तरह के प्रयास उच्च शिक्षा के क्षेत्र में खासकर हमारी अलग-अलग IITs में निरंतर देखने को मिल रहे हैं. केंद्रीय विश्वविद्यालयों में भी इस प्रकार के प्रेरक उदाहरणों की कमी नहीं है.पीएम मोदी ने कहा कि गणतंत्र दिवस की परेड में President’s Bodyguards के चार्जर घोड़े विराट ने अपनी आखिरी परेड में हिस्सा लिया. घोड़ा विराट, 2003 में राष्ट्रपति भवन आया था और हर बार गणतंत्र दिवस पर Commandant Charger के तौर पर परेड को Lead करता था. जब किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष का राष्ट्रपति भवन में स्वागत होता था, तब भी वो अपनी ये भूमिका निभाता था. इस साल Army Day पर घोड़े विराट को सेना प्रमुख द्वारा COAS Commendation Card भी दिया गया. विराट की विराट सेवाओं को देखते हुए, उसकी सेवा-निवृत्ति के बाद उतने ही भव्य तरीके से उसे विदाई दी गई.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी संस्कृति हमारे लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक अनमोल धरोहर है. दुनियाभर के लोग उसे जानना चाहते हैं, समझना चाहते हैं, जीना चाहते हैं. Argentina में हमारी संस्कृति को बहुत पसंद किया जाता है.