देश / बूस्टर व अतिरिक्त डोज़ पर 2 हफ्तों में सार्वजनिक की जाएगी नीति: कोविड-19 टास्क फोर्स चीफ

भारत में कोविड-19 टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. एन.के. अरोड़ा ने कहा है कि अगले 2 हफ्तों में अतिरिक्त और बूस्टर डोज़ को लेकर एक व्यापक नीति सार्वजनिक की जाएगी। उन्होंने कहा, "2 प्राथमिक डोज़ के बाद पूर्वनिर्धारित अवधि में एक बूस्टर डोज़ लगाई जाती है...जबकि अतिरिक्त खुराक केवल उन लोगों को लगाई जाती है...जिनके इम्यूनिटी फंक्शन में...दिक्कत होती है।"

Vikrant Shekhawat : Nov 30, 2021, 11:52 AM
नई दिल्ली. कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron Variant) को लेकर पूरी दुनिया में चिंता जाहिर की जा रही है. इस बीच देश में कोविड टास्क फोर्स के हेड डॉ. एनके अरोड़ा (Dr. NK Arora) ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन के अतिरिक्त और बूस्टर डोज को लेकर 15 दिन के भीतर व्यापक नीति आ सकती है. डॉ. अरोड़ा ने कहा- ‘वैक्सीनेशन पर नेशनल टेक्निकल एडवायजरी ग्रुप बूस्टर और अतिरिक्त डोज पर एक व्यापक नीति बना रहा है. इस नीति के तहत ही तय किया जाएगा कि किसे अतिरिक्त वैक्सीन की जरूरत है.’

दरअसल ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स आई थीं कि तीसरे वैक्सीन डोज की अनुशंसा शुरुआत में बूस्टर डोज की बजाए अतिरिक्त डोज के तौर पर की जाएगी. अतिरिक्त डोज उन्हें दिया जाता है जिन लोगों की इम्युनिटी कम होती है जबकि बूस्टर डोज स्वस्थ लोगों को वैक्सीन के दूसरे डोज के कुछ महीने बाद दिया जाता है. जिन लोगों की किसी भी बीमारी के कारण इम्युनिटी कम है वो सामान्य दो डोज कार्यक्रम के जरिए पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं. इसलिए ऐसे लोगों को अतिरिक्त डोज देने की तैयारी है.

स्वस्थ लोगों के लिए बूस्टर डोज की शुरुआत बाद में की जा सकती है. बीते अक्टूबर महीने में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक पैनल ने कम इम्युनिटी वाले लोगों के लिए अतिरिक्त डोज की अनुशंसा की थी.

क्या बोले थे स्वास्थ्य मंत्री

केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल में कहा था कि टीकों का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है और लक्ष्य है कि आबादी को टीके की दोनों खुराकें लगाई जाएं. उन्होंने कहा था कि विशेषज्ञों की सिफारिश के आधार पर बूस्टर खुराक पर निर्णय लिया जाएगा. सरकार ऐसे मामले में सीधा फैसला नहीं ले सकती है. जब भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और विशेषज्ञ टीम कहेगी कि बूस्टर खुराक दी जानी चाहिए, तब हम इस पर विचार करेंगे.

अमेरिका में भी तैयारी

बता दें कि दुनिया में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से हड़कंप मचा है. पश्चिमी देशों में अब इसे लेकर रिसर्च शुरू हो चुकी है. अमेरिका के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. एंथोनी फॉसी ने बताया है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट कितना संक्रामक है, कितना गंभीर है और इसकी क्या अन्य विशेषताएं हैं, यह जानने के लिए दो हफ्ते का समय लगेगा.