देश / किसान आंदोलन पर राजनीति गरमाई, नरेश टिकैत के दावे - किसानों के समर्थन में कई बीजेपी नेता पार्टी छोड़ रहे

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध जारी है। इस बीच, किसान नेता नरेश टिकैत के तनाव से भारतीय जनता पार्टी का तनाव बढ़ सकता है। उन्होंने कहा है कि भाजपा के कई नेता किसानों के समर्थन में पार्टी छोड़ रहे हैं। नरेश टिकैत ने ट्वीट किया, 'मुझे आज कई भाजपा नेताओं का फोन आया है, वे कहते हैं कि भाई, हम भी इस्तीफा दे रहे हैं

Vikrant Shekhawat : Jan 30, 2021, 08:01 AM
Delhi: नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध जारी है। इस बीच, किसान नेता नरेश टिकैत के तनाव से भारतीय जनता पार्टी का तनाव बढ़ सकता है। उन्होंने कहा है कि भाजपा के कई नेता किसानों के समर्थन में पार्टी छोड़ रहे हैं। नरेश टिकैत ने ट्वीट किया, 'मुझे आज कई भाजपा नेताओं का फोन आया है, वे कहते हैं कि भाई, हम भी इस्तीफा दे रहे हैं, हम किसानों को पार्टी में रहते हुए अपमानित होते नहीं देख सकते, अगर हम अब भी चुप रहे तो आने वाली पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी। ।

मुझे आज कई भाजपा नेताओं का फोन आया है, वे कहते हैं कि भाई, हम भी इस्तीफा दे रहे हैं, हम किसानों को पार्टी में रहते हुए अपमानित होते नहीं देख सकते, अगर हम अभी भी चुप रहे तो आने वाली पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी।

इससे पहले नरेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा था कि चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे और मेरे छोटे भाई राकेश टिकैत के ये आँसू व्यर्थ नहीं जाएंगे। अब हम निर्णायक स्थिति में पहुंचकर इस आंदोलन को दबा देंगे।

बता दें कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद, प्रशासन को गाजीपुर सीमा पर किसानों के प्रदर्शन को समाप्त करने का आदेश मिला था। इसे लेकर प्रशासन की ओर से जोरदार तैयारियां की गई थीं, लेकिन नरेश टिकैत के छोटे भाई राकेश टिकैत के आंसुओं की बाढ़ के बाद स्थिति बदल गई।

दिल्ली की सीमाओं पर पुलिस की कार्रवाई के बाद नरेश टिकैत ने शुक्रवार को मुजफ्फरनगर में महापंचायत बुलाई। इससे पहले शुक्रवार को मुजफ्फरनगर में राकेश टिकैत के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग सिसौली गांव पहुंचे। इसी समय, महापंचायत में जुटी भीड़ ने स्पष्ट कर दिया कि किसान आंदोलन ने फिर से गति पकड़ ली है। इस महापंचायत में राजनीतिक दलों के नेता भी पहुंचे। यहां से किसान दिल्ली की यात्रा भी कर रहे हैं।

आज आंदोलनकारी किसान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (30 जनवरी) की पुण्यतिथि पर उपवास करेंगे। किसान राष्ट्रपिता की पुण्यतिथि को सदभावना दिवस के रूप में मना रहे हैं। साथ ही किसान एकता मोर्चा के नेताओं ने देशवासियों से अपील की और कहा कि आप हमारे उपवास में शामिल हों और हमारा समर्थन करें। 30 जनवरी को 'सौभाग्य दिवस' के रूप में मनाया जाएगा।