- भारत,
- 26-Apr-2025 10:12 PM IST
Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हुए भीषण आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिससे पूरे भारत में आक्रोश और शोक की लहर दौड़ गई है। इस दर्दनाक घटना के बाद भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी संवेदना और समर्थन प्राप्त हुआ है।
ईरान के राष्ट्रपति ने जताई संवेदना
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की। बातचीत के दौरान राष्ट्रपति पेजेशकियन ने पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के अमानवीय कृत्यों को किसी भी रूप में उचित नहीं ठहराया जा सकता। दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समुदाय को एकजुट होकर निर्णायक कदम उठाने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी भारत के नागरिकों के गुस्से और पीड़ा को साझा किया और आतंकवाद के खिलाफ कड़े और निर्णायक कदम उठाने के अपने संकल्प को दोहराया।
यूएई के राष्ट्रपति ने दिखाई एकजुटता
संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति महामहिम मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने भी प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की भारतीय भूमि पर हुए इस बर्बर हमले की तीव्र निंदा करते हुए भारत के साथ पूर्ण एकजुटता और समर्थन का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने यूएई राष्ट्रपति के सहानुभूति भरे शब्दों और समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।
आतंकवाद के खिलाफ साझा संकल्प
दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने सहमति जताई कि आतंकवाद को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता और इसके खिलाफ निर्णायक और समन्वित कार्रवाई जरूरी है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत न केवल इस हमले के दोषियों को, बल्कि उनके समर्थकों को भी न्याय के कठघरे में लाने के लिए पूरी दृढ़ता से कार्य करेगा।
पाकिस्तान में बढ़ी बेचैनी
भारत के कड़े रुख के चलते पाकिस्तान में हलचल तेज हो गई है। भारत सरकार ने हमले के बाद तत्काल एक्शन मोड में आकर आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। इस बीच, पाकिस्तान में स्थित रूसी दूतावास ने भी एक एडवाइजरी जारी कर दी है, जिसमें रूसी नागरिकों को पाकिस्तान की यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। इससे साफ है कि भारत की आक्रामक नीति ने आतंकवाद को संरक्षण देने वालों की नींद उड़ा दी है।