पंजाब / पंजाब सीएम ने बिजली दरों में की ₹3/यूनिट की कमी, सरकारी कर्मियों के डीए में 11% की वृद्धि

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सोमवार को घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में ₹3/यूनिट की कटौती की घोषणा की। चन्नी ने बताया कि इस फैसले से पंजाब के 95% निवासियों को फायदा होगा। सीएम ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए डीए में 11% (17% से 28%) की बढ़ोतरी की भी घोषणा की।

Vikrant Shekhawat : Nov 02, 2021, 07:16 AM
Punjab News: चरणजीत सिंह चन्नी की अगुवाई वाली पंजाब सरकार ने राज्य में महंगी बिजली दरों को लेकर ऐतिहासिक फैसला लिया है. पंजाब सरकार ने राज्य में बिजली की दरों में प्रति यूनिट तीन रुपये की कटौती करने का एलान किया है. चरणजीत सिंह चन्नी ने दावा किया है कि अब देश में सबसे सस्ती बिजली पंजाब में मिलेगी. 

पंजाब सरकार ने बिजली की दरों में कटौती को लेकर आज कैबिनेट की मीटिंग बुलाई थी. सीएम चन्नी ने कहा, ''हमने सर्वे किया था कि पंजाब के लोगों को 300 यूनिट फ्री बिजली चाहिए या फिर सस्ती बिजली चाहिए. अधिकतर लोगों ने कहा कि उन्हें सस्ती बिजली चाहिए और हम इसी को ध्यान में रखते हुए बिजली दरों में कटौती कर रहे हैं.

पंजाब में प्रति यूनिट तीन रुपये बिजली के दाम सस्ते किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ''जीरो से 7 किलो वॉट तक की दरों में तीन रुपये की कटौती की जा रही है. पहले 100 यूनिट तक 4.19 रुपये देने पड़ते थे. अब उसमें प्रति यूनिट तीन रुपये की कमी होगी. 100 यूनिट तक लोगों को 1.19 रुपये प्रति यूनिट ही खर्च करने होंगे. इसी तरह 300 यूनिट तक पहले प्रति यूनिट सात रुपये चार्ज होते थे लेकिन अब चार रुपये प्रति यूनिट चार्ज होंगे.''

कितने फीसदी लोगों को होगा फायदा?

पंजाब सरकार 1 नवंबर से ही बिजली दरों में कटौती को लागू करने जा रही है. सीएम ने दावा किया कि इस फैसले से 95 फीसदी लोगों को फायदा होगा. चन्नी ने कहा, ''पंजाब सरकार मंहगी बिजली लेनी बंद कर रही है. हमने नए टेंडर जारी कर दिए हैं. हम पुराने महंगे टेंडर कैंसिल कर रहे हैं. इस सेशन में हम तीनों पावर प्लांट को लेकर बात करेंगे. उनके बारे में हम जल्द ही जानकारी देंगे. हम सभी एग्रीमेंट पर विचार कर रहे हैं. जिस तरह विधानसभा का फैसला होगा उसे लागू किया जाएगा.''

बता दें कि पंजाब में महंगी बिजली को लेकर सरकार काफी समय से दबाव में थी. पंजाब सरकार पर राज्य में बिजली दरों को सस्ती करने से 1633 करोड़ रुपये के अतिरिक्त भार को सहन करना होगा.