J&K Election 2024 / PoK के निवासियों को भारत में शामिल होना चाहिए- रामबन में राजनाथ सिंह का बड़ा बयान

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के रामबन में बड़ा बयान दिया, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के निवासियों को भारत में शामिल होने का निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी के रहते अनुच्छेद 370 बहाल नहीं हो सकता। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के विकास और चुनावी बदलावों पर भी बात की।

Vikrant Shekhawat : Sep 08, 2024, 07:40 PM
J&K Election 2024: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के रामबन में एक चुनावी रैली के दौरान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को लेकर एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पीओके के निवासियों को भारत में शामिल होना चाहिए और उन्हें भारत का हिस्सा माना जाना चाहिए। राजनाथ सिंह का यह बयान राजनीतिक और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जो जम्मू-कश्मीर के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में एक नया मोड़ ला सकता है।

अनुच्छेद 370 को लेकर राजनाथ सिंह की स्थिति

राजनाथ सिंह ने रैली में कहा कि कांग्रेस-नेकां गठबंधन द्वारा अनुच्छेद 370 को बहाल करने की बात की जा रही है, लेकिन जब तक बीजेपी सत्ता में है, कोई भी इसे बहाल नहीं कर सकता। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति अब बदल चुकी है। युवा अब पिस्तौल और रिवॉल्वर की जगह लैपटॉप और कंप्यूटर के साथ भविष्य की ओर देख रहे हैं। उनका यह बयान जम्मू-कश्मीर में बीजेपी की स्थिरता और विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

जम्मू-कश्मीर में चुनाव और विकास की बातें

राजनाथ सिंह ने इस बात पर भी जोर दिया कि जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव दस साल बाद हो रहे हैं, और यह पूरे भारत और दुनिया की नजरों में हैं। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित रखा गया था, लेकिन अब चुनावों में पाकिस्तान से आए शरणार्थियों, वाल्मीकि समुदाय और सफाई कर्मचारियों के परिवारों को मतदान का अधिकार मिला है। यह संकेत करता है कि बीजेपी सरकार जम्मू-कश्मीर में सामाजिक और राजनीतिक समावेशिता पर जोर दे रही है।

सामाजिक और आर्थिक सुधारों की घोषणा

राजनाथ सिंह ने कहा कि वाल्मीकि समुदाय को अनुसूचित जाति (SC) का लाभ मिलने की वर्षों पुरानी मांग पूरी हो गई है। साथ ही, अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए विधानसभा में आरक्षित सीटें भी बनाई गई हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में हालिया बदलावों का उल्लेख करते हुए कहा कि पूरी दुनिया इन परिवर्तनों को देख रही है। विशेष रूप से, जी-20 सम्मेलन का सफल आयोजन श्रीनगर में इसका प्रमाण है कि कश्मीर की छवि बदल रही है।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जम्मू-कश्मीर अब टूरिज़्म का हॉटस्पॉट बन चुका है और साढ़े तीन दशकों बाद श्रीनगर में ताजिया का आयोजन हुआ है। जम्मू से श्रीनगर तक यात्रा का समय घटकर साढ़े चार घंटे रह गया है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

भविष्य की योजनाएं और संकल्प

राजनाथ सिंह ने बीजेपी के संकल्प पत्र की कुछ प्रमुख योजनाओं का भी खुलासा किया। उन्होंने बताया कि उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को साल में दो मुफ्त सिलेंडर दिए जाएंगे। दूरदराज के इलाकों में हायर सेकेंडरी क्लासेज़ में पढ़ने वाले बच्चों को टैबलेट या लैपटॉप प्रदान किए जाएंगे। इसके अलावा, जम्मू और श्रीनगर शहरों को मेट्रो रेल की कनेक्टिविटी दी जाएगी और तवी नदी पर एक सुंदर रिवर फ्रंट बनाया जाएगा। रामबन और बनिहाल को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा।

राजनाथ सिंह ने कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित वापसी और पुनर्वास को लेकर भी संकल्प व्यक्त किया। इसके साथ ही, पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों, पीओजेके के शरणार्थियों, और वाल्मीकि और गोरखा समाज के लोगों के पुनर्वास में तेजी लाने का आश्वासन दिया।

निष्कर्ष

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का यह बयान राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। उनका आह्वान पीओके के निवासियों को भारत में शामिल करने का और जम्मू-कश्मीर में विकास की योजनाएं इस क्षेत्र की स्थिति को बदलने के संकेत देते हैं। यह बयान आगामी चुनावों और भविष्य के राजनीतिक परिदृश्य पर भी गहरा असर डाल सकता है।