देश / इन्हीं का आयोग, इन्हीं की कचहरी, 2024 में भी जीतेगी भाजपा: राकेश टिकैत

प्रयागराज पहुंचे राकेश टिकैत से जब पूछा गया कि उपचुनाव में बीजेपी की जीत हुई है तो उन्होंने कहा, ''जब बेईमानी होती है तो कोई असर नहीं पड़ता। इन्हीं (बीजेपी) का इलेक्शन कमिशन है, कोर्ट-कचहरी और अधिकारी सब इन्हीं के है। सब बेईमानी से होगा। पूरी यूपी सरकार बेईमानी से बनी है। जनता वोट नहीं दे रही है, लेकिन बेईमानी से जीत मिल रही है। 2024 में भी बीजेपी की ही जीत होने जा रही है।

Vikrant Shekhawat : Nov 07, 2022, 06:31 PM
Rakesh Tikait attack on BJP: यूपी की गोला गोकर्णनाथ सीट पर बीजेपी उम्मीदवार अमन गिरि की जीत के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने बीजेपी पर हमला बोला है। बिना बीजेपी का नाम लिए हुए टिकैत ने कहा कि चुनाव आयोग से लेकर कोर्ट-कचहरी तक सही उन्हीं (बीजेपी) के हैं। बीजेपी को जनता वोट नहीं दे रही है, लेकिन फिर भी जीत उनकी ही हो रही है।

प्रयागराज पहुंचे राकेश टिकैत से जब पूछा गया कि उपचुनाव में बीजेपी की जीत हुई है तो उन्होंने कहा, ''जब बेईमानी होती है तो कोई असर नहीं पड़ता। इन्हीं (बीजेपी) का इलेक्शन कमिशन है, कोर्ट-कचहरी और अधिकारी सब इन्हीं के है। सब बेईमानी से होगा। पूरी यूपी सरकार बेईमानी से बनी है। जनता वोट नहीं दे रही है, लेकिन बेईमानी से जीत मिल रही है। 2024 में भी बीजेपी की ही जीत होने जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि बेईमानी से सारा काम होगा। अगला टारगेट प्रेस है। जितने दिन जान बचानी है बचा लीजिए, अगला टारगेट प्रेस पर है।'' 

मालूम हो कि पिछले साल लखीमपुर खीरी में हुए थार कांड के बाद से राकेश टिकैत ने कई बार वहां के दौरे किए थे। इसके अलावा, उन्होंने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की भी मांग की थी। वहीं, लंबे समय तक चले किसान आंदोलन में भी टिकैत ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। आखिर में पिछले साल के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर दिया था।

गोला गोकर्णनाथ में बीजेपी उम्मीदवार की हुई जीत

बीजेपी विधायक अरविंद गिरि के निधन के बाद खाली हुई गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अमन गिरी ने समाजवादी पार्टी को चुनाव हरा दिया है। भाजपा के अमन गिरी ने सपा के विनय तिवारी को 34298 वोट से हराया है। जीत के बाद भाजपा के खेमे में जश्न का माहौल है। गोला उपचुनाव के लिए 3 नवंबर को हुए मतदान के बाद सभी की निगाहें नतीजों पर लगी हुई थी। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी का सीधा मुकाबला था। कांग्रेस और बसपा मैदान से बाहर थी। इस वजह से मुकाबला न सिर्फ कड़ा हो चला था बल्कि इसमें दोनों दोनों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लग गई थी।