देश / रूस से तेल क्यों खरीद रहा भारत, विदेश मंत्री ने फिर दिया दो टूक जवाब

रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के चलते अमेरिका सहित कई यूरोपीय देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए लेकिन भारत ने अपनी हितों को ध्यान में रखते हुए बीच का रास्ता निकाला और रूस से तेल खरीदता रहा। कई मंचों पर भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विदेशी मीडिया के सवाल पर करारा जवाब दिया। इसी कड़ी में एक बार फिर से जयशंकर ने दो टूक जवाब देते हुए बताया कि भारत रूस से तेल क्यों खरीद रहा है।

Vikrant Shekhawat : Aug 17, 2022, 03:13 PM
रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के चलते अमेरिका सहित कई यूरोपीय देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए लेकिन भारत ने अपनी हितों को ध्यान में रखते हुए बीच का रास्ता निकाला और रूस से तेल खरीदता रहा। कई मंचों पर भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विदेशी मीडिया के सवाल पर करारा जवाब दिया। इसी कड़ी में एक बार फिर से जयशंकर ने दो टूक जवाब देते हुए बताया कि भारत रूस से तेल क्यों खरीद रहा है।

दरअसल, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा भारत 2000 डॉलर की प्रति व्यक्ति आय वाला देश है। यहां के लोग वे नहीं हैं जो ऊर्जा की बढ़ी कीमतों को वहन कर सकते हैं। ऐसे में यह मेरा दायित्व और नैतिक कर्तव्य है कि मैं उन्हें सबसे अच्छी डील करके दूं। विदेश मंत्री जयशंकर थाईलैंड के बैंकॉक में भारतीय समुदाय के संग बातचीत कर रहे थे। उसी दौरान रूस से तेल खरीदने से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह जवाब दिया।

'भारत को भी सबसे अच्छा सौदा करने का हक'

उन्होंने कहा कि हर देश बढ़ती ऊर्जा की कीमतों को कम करने के लिए सबसे अच्छा और मुफीद सौदा पक्का करने की कोशिश करेगा और भारत ठीक ऐसा ही कर रहा है। जयशंकर ने यह भी कहा कि यूरोप मध्य पूर्व और अन्य दूसरे सोर्स से तेल खरीद रहा है तो भारत को भी सबसे अच्छा सौदा पक्का करने का हक है।

'हम अपने हितों को लेकर बेहद ईमानदार'

जयशंकर ने यह भी कहा कि हम अपने हितों को लेकर बेहद ईमानदारी और खुले तौर पर काम कर रहे हैं। देश के नागरिक तेल गैस की उतनी ऊंची कीमतों का बोझ नहीं उठा सकते हैं। आने वाले समय में पश्चिमी देश इसे समझेंगे और भारत के कदम का भले ही स्वागत न करें लेकिन वो मानेंगे कि भारत ने अपने नागरिकों के लिए सही कदम उठाया है।

'तेल और गैस की कीमतें असंगत रूप से अधिक'

विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि तेल और गैस की कीमतें असंगत रूप से अधिक हैं। बहुत सारे पारंपरिक आपूर्तिकर्ता यूरोप की ओर रुख कर रहे हैं क्योंकि यह महाद्वीप रूस से कम तेल खरीद रहा है। यूरोप मध्य पूर्व और अन्य जगहों से बहुत अधिक तेल खरीद रहा है, ऐसे में भारत को सप्लाई कौन करेगा। हर देश अपने नागरिकों के लिए स्वाभाविक तौर पर सबसे अच्छा सौदा करने की कोशिश करेगा।

बता दें कि यूक्रेन युद्ध के बीच भारत की रूस से तेल खरीदने के फैसले की आलोचना लंबे समय से की जा रही है। लेकिन इस फैसले पर ऐतराज जताने वालों को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लगातार करारा जवाब दिया है। उन्होंने भारत के इस कदम को पूरी तरह से ठहराया है।