Ranji Trophy Final / शतक ठोकते ही भावुक हुए सरफराज, सिद्धू मूसेवाला को याद कर बना दिया फैंस का दिन

नौशाद के दोनों बेटे सरफराज और मुशीर मुंबई टीम में ही खेलते हैं. यह पूछने पर कि क्या भारतीय टीम में जगह बनाने का सपना पूरा होने की ओर है? इस सवाल के जवाब में सरफराज की आंखे डबडबा गईं. उन्होंने कहा, ‘हमारी जिंदगी सब कुछ उन छोटे छोटे सपनों के लिए हैं जिन्हें हम संजोते हैं. सपने हम (वह और उनके पिता) साथ देखते हैं. मैंने मुंबई में वापसी के बाद से दो सत्र में जो 2000 के करीब रन बनाए हैं, वह सब मेरे अब्बू की वजह से है.’

Vikrant Shekhawat : Jun 23, 2022, 10:06 PM
Ranji Trophy Final: मुंबई रणजी टीम के क्रिकेटर सरफराज खान ने गुरुवार को यहां मध्य प्रदेश के खिलाफ रणजी ट्रॉफी फाइनल में बनाए गए अपने शतक को अपने पिता और कोच नौशाद खान को समर्पित किया. शतक जड़कर मुंबई को पहली पारी में 374 रन तक पहुंचाने वाले सरफराज की आंखे डबडबाई हुई थी, उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘यह शतक मेरे अब्बू (पिता) की वजह है, यह उनके बलिदान की वजह से है और उस समय मेरा हाथ थामने की वजह से है जब मैं निराश था.’

पिता को याद कर हुए भावुक

नौशाद के दोनों बेटे सरफराज और मुशीर मुंबई टीम में ही खेलते हैं. यह पूछने पर कि क्या भारतीय टीम में जगह बनाने का सपना पूरा होने की ओर है? इस सवाल के जवाब में सरफराज की आंखे डबडबा गईं. उन्होंने कहा, ‘हमारी जिंदगी सब कुछ उन छोटे छोटे सपनों के लिए हैं जिन्हें हम संजोते हैं. सपने हम (वह और उनके पिता) साथ देखते हैं. मैंने मुंबई में वापसी के बाद से दो सत्र में जो 2000 के करीब रन बनाए हैं, वह सब मेरे अब्बू की वजह से है.’

पिता को दिया सारा क्रेडिट

जब कोई मैच नहीं होता तो दोनों भाई अपने पिता की निगरानी में प्रत्येक दिन छह से सात घंटे अभ्यास करते हैं. कुछ अनुशासनात्मक मुद्दों के कारण सरफराज को एक सत्र के लिए उत्तर प्रदेश जाना पड़ा और उन्होंने वापसी करने से पहले ‘कूलिंग ऑफ’ समय बिताया जिसके बाद वह फिर मुंबई की टीम में चुने गए. सरफराज ने कहा, ‘आप सब तो जानते हो मेरे साथ क्या हुआ. अब्बू ना रहते तो मैं खत्म हो जाता.’

उन्होंने कहा, ‘इतनी सारी समस्याएं थीं और जब मैं सोचता कि मेरे अब्बू इन सबसे कैसे निपटे तो मैं भावुक हो जाता हूं. उन्होंने एक बार भी मेरा हाथ नहीं छोड़ा. मेरे भाई ने अपने फोन पर एक ‘स्टेटस’ लगाया है और मैं देख सकता हूं कि अब्बू कितने खुश हैं. मेरा दिन बन गया.’

सिद्धू मूसेवाला की तरह मनाया जश्न

सरफराज पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के प्रशंसक हैं जिनकी हाल में एक गैंग ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. सरफराज ने शतक जड़ने के बाद मूसेवाला के स्टाइल (जांघ पर हाथ मारकर) में जश्न बनाया. इसके बारे में पूछने पर सरफराज ने कहा, ‘यह सिद्धू मूसेवाला के लिए था. मुझे उनके गाने बहुत पसंद हैं और ज्यादातर मैं और हार्दिक तामोरे (विकेटकीपर) उनके गाने सुनते हैं. मैंने इसी तरह का जश्न पिछले मैच के दौरान भी मनाया था लेकिन तब हॉटस्टार ने इसे दिखाया नहीं था. मैंने फैसला किया था कि जब भी एक और शतक ठोक दूंगा, इस तरह ही जश्न मनाऊंगा.’