Vikrant Shekhawat : Nov 17, 2021, 02:27 PM
नई दिल्ली: यूपी के लखीमपुर खीरी में अक्टूबर में हुई हिंसा के मामले की जांच की निगरानी के लिए हाई कोर्ट के पूर्व जज का नाम सुप्रीम कोर्ट ने तय किया है। इस घटना की जांच की निगरानी का काम उच्च न्यायालय ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जज राकेश कुमार जैन को सौंपा है। इसके अलावा यूपी सरकार की ओर से गठित एसआईटी टीम में तीन आईपीएस अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि वह इस मामले की अगली सुनवाई चार्जशीट दाखिल किए जाने और जस्टिस जैन की ओर से रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद ही करेगा।सुप्रीम कोर्ट ने 3 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों एसबी शिरोडकर, दीपेंदर सिंह और पद्मजा चौहान को एसआईटी पैनल में शामिल किया है। केस की सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने अदालत में कहा कि वह घटना में मरने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा दे रही है। हालांकि सरकार ने कहा कि इसमें उन लोगों की भी पिटाई के बाद मौत हुई है, जिन पर गाड़ी चढ़ाने का आरोप था। फिलहाल उन लोगों के परिजनों की मदद को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है। शीर्ष अदालत ने सोमवार को ही यूपी सरकार से कहा था कि वह उन लोगों की मदद पर विचार करे, जिन तक अब तक कोई राहत नहीं पहुंची है।इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि अब मामले की अगली सुनवाई एसआईटी की ओर से जांच की स्टेटस रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद ही होगी। बता दें कि 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में किसान आंदोलनकारियों पर भाजपा समर्थकों की एक कार चढ़ गई थी, जिसमें 4 किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई थी। इसके बाद भड़की हिंसा में तीन लोगों की पिटाई से मौत हो गई थी। इस मामले में यूपी पुलिस ने अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा भी है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मिश्रा की बेल अर्जी भी खारिज कर दी थी।