देश / कोविड-19 मृतकों के परिवार के लिए ₹50,000 के मुआवज़े को सुप्रीम कोर्ट ने दी मंज़ूरी

सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 से मरने वाले लोगों के परिवारों के लिए ₹50,000 के मुआवज़े को मंज़ूरी दी है। कोर्ट के अनुसार, मृत्यु प्रमाण-पत्र में मौत का कारण कोविड-19 नहीं होने के बावजूद राज्य मुआवज़े से इनकार नहीं करेंगे। बकौल कोर्ट, आवश्यक दस्तावेज़ देखकर अधिकारी मृत्यु प्रमाण-पत्र संशोधित कर सकते हैं और आवेदन के 30-दिनों में राशि वितरित की जाए।

Vikrant Shekhawat : Oct 04, 2021, 03:26 PM
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से मरने वालों के लिए 50,000 हजार रुपए के मुआवजे की मंजूरी दे दी है। इसमें उनके परिजन भी शामिल हैं, जो इस महामारी से पीड़ित हैं और पॉजिटिव होने के एक महीने के भीतर आत्महत्या कर लेते हैं।

आपको बता दें कि 23 सितंबर को हुई अंतिम सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम आर शाह और ए एस बोपन्ना की पीठ ने इस मामले में अपने फैसले को रख लिया था। केंद्र के द्वारा हलफनामे में हर मौत के लिए 50 हजार रुपए का मुआवजा तय करने की जानकारी कोर्ट को दी गई थी।

कोर्ट ने केंद्र सरकार हलफनामे पर संतोष जताते हुए कहा था कि विपरीत परिस्थितियों में भारत ने जैसा काम किया वैसा किसी और देश नहीं कर सका।

केंद्र ने कोर्ट को बताया था कि राहत कार्यों में शामिल लोगों को भी अनुग्रह राशि दी जाएगी। सरकार ने कहा कि अगर मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारण कोरोना है, तो ऐसे भी मृतक के परिजनों को सहायता राशि दी जाएगी। केंद्र सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा कि कोरोना पीड़ितों के परिजनों को राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से अनुग्रह सहायता प्रदान की जाएगी।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में मुआवजे की राशि को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई थीं। विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के समक्ष केंद्र सरकार ने पहले ही कह दिया था कि वह कोरोना से होने वाली हर मौत पर परिजन को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा नहीं दे सकती है। हालांकि, कोर्ट ने भी सरकार की इस बात पर सहमति जताई थी और बीच का रास्ता निकालने को कहा था।