पाकिस्तान / शेख राशिद ने कहा आंसू गैस इसलिए छोड़ी, क्योंकि इनका टेस्ट करना जरूरी था

इमरान सरकार का विरोध कर रहे सरकारी कर्मचारियों पर पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री शेख राशिद अहमद ने बेतुका बयान दिया है। रावलपिंडी के एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों पर आंसू गैस के गोले इसलिए छोड़े गए, क्योंकि काफी वक्त से इनका इस्तेमाल नहीं किया गया था और इसलिए इनका टेस्ट जरूरी था।

Vikrant Shekhawat : Feb 15, 2021, 11:41 AM
इमरान सरकार का विरोध कर रहे सरकारी कर्मचारियों पर पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री शेख राशिद अहमद ने बेतुका बयान दिया है। रावलपिंडी के एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों पर आंसू गैस के गोले इसलिए छोड़े गए, क्योंकि काफी वक्त से इनका इस्तेमाल नहीं किया गया था और इसलिए इनका टेस्ट जरूरी था।

दरअसल, इमरान सरकार के खिलाफ पाकिस्तान में विरोध बढ़ता जा रहा है। पहले पाकिस्‍तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट की रैलियां निकाली गईं और अब सरकारी कर्मचारी भी सड़कों पर उतर आए हैं। 10 फरवरी को हुई एक रैली के दौरान कर्मचारियों पर टियर गैस छोड़ी गई थी।

सैलरी बढ़ाई तो सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ेगा- शेख राशिद

शेख राशिद ने सफाई भी दी कि आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल काफी काम संख्या में किया गया था ताकि भीड़ को तितर-बितर किया जा सके। ​​​​​​​दरअसल, दिक्‍कत प्रदर्शन या टियर गैस के गोले छोड़े जाने की नहीं थी, बल्कि सैलरी में इजाफे की थी। ऐसे समय जब देश के आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं और मंहगाई दर काफी बढ़ती जा रही है, तो सैलरी बढ़ाने से सरकारी खजाने पर काफी बोझ पड़ेगा।

कर्मचारी इमरान सरकार से मंहगाई को देखते हुए सैलरी और पेंशन में इजाफा करने की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि वे तब तक सचिवालय के बाहर बैठे रहेंगे, जब तक सरकार इस पर सही फैसला नहीं ले लेती है।

किसी और देश का मंत्री ऐसा बोलता तो कुर्सी चली जाती- विपक्ष
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्‌टो जादारी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने प्रदर्शन का समर्थन किया था। मरियम ने सोशल मीडिया पर लिखा कि सरकार को सरकारी कर्मचारियों को प्रताड़ित करना बंद करना चाहिए। वहीं, मरियम की ही पार्टी के मोहम्मद जुबैर ने कहा कि अगर किसी और देश में किसी मंत्री ने इस तरह का बयान दिया होता, तो उसे तत्काल बर्खास्त कर दिया जाता और उन्हें देश से माफी मांगनी पड़ती।