मुंबई / शिवसेना प्रत्याशी हिंदू इलाके में दीपाली और मुस्लिम क्षेत्रों में सोफिया नाम से प्रचार कर रहीं

महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार जोरों पर है। वोटर्स को लुभाने के लिए प्रत्याशी अलग-अलग तरीका अपना रहे हैं। मुंब्रा सीट से शिवसेना प्रत्याशी दीपाली सैयद भी अलग तरीके से प्रचार कर रही हैं। अपने विधानसभा क्षेत्र के हिंदू इलाकों में वह दीपाली जबकि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में वह सोफिया सैयद बताकर प्रचार कर रहीं हैं। एक साल पहले उन्होंने शादी की। इसके बाद उन्होंने अपना नाम सोफिया रख लिया।

Dainik Bhaskar : Oct 09, 2019, 04:14 PM
मुंबई | महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार जोरों पर है। वोटर्स को लुभाने के लिए प्रत्याशी अलग-अलग तरीका अपना रहे हैं। मुंब्रा सीट से शिवसेना प्रत्याशी दीपाली सैयद भी अलग तरीके से प्रचार कर रही हैं। अपने विधानसभा क्षेत्र के हिंदू इलाकों में वह दीपाली जबकि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में वह सोफिया सैयद बताकर प्रचार कर रहीं हैं।

मराठी फिल्मों की हीरोइन दीपाली सैयद का मूल नाम दीपाली भोंसले है। एक साल पहले उन्होंने शादी की। इसके बाद उन्होंने अपना नाम सोफिया रख लिया। हालांकि, उन्होंने दीपाली सैयद नाम से ही नामांकन किया है।

नाम का बड़ा असर पड़ता है: दीपाली

दीपाली कहती हैं, ‘‘नाम का बहुत बड़ा असर पड़ता है। इसलिए जिस इलाके में जा रही हूं, वैसे ही नाम का इस्तेमाल कर रही हूं।’’ दीपाली ने 2014 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर अहमदनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। इसमें वह हार गई थीं।

मुस्लिम बाहुल्य इलाके में राकांपा का वर्चस्व

मुंब्रा-कलवा विधानसभा क्षेत्र को राकांपा का गढ़ माना जाता है। पिछले चुनाव में इस सीट पर राकांपा प्रत्याशी जितेंद्र अवध ने शिवसेना प्रत्याशी दशरथ पाटिल को हराया था। इस मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्र में शिवसेना ने अपनी पैठ बनाने के लिए दीपाली उर्फ सोफिया को मैदान में उतारा है। उनके मैदान में आने एक बाद अब शिवसेना को फिर इस सीट पर अपने कब्जे की उम्मीद है।

30 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुकी हैं दीपाली

करीब दो दशक से दीपाली मराठी फिल्मों और सीरियल में काम कर रही हैं। वे 30 से ज्यादा मराठी फिल्मों में छोटे-बड़े रोल कर चुकी हैं। 1990 के दशक में लोकप्रिय मराठी धारावाहिक - बंदिनी और समानांतर में अभिनय के बाद उन्होंने बडे़ पर्दे पर प्रवेश किया था। हालांकि, उन्हें प्रसिद्धि अंकुश चौधरी के साथ फिल्म जात्रा के बाद मिली।