Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए भारतीय क्रिकेट टीम दुबई पहुंच चुकी है, लेकिन टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही टीम के चयन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए यह एक चौंकाने वाली खबर है, क्योंकि इस बार जिस तरह की खबरें सामने आ रही हैं, वह आमतौर पर पाकिस्तान क्रिकेट टीम से जुड़ी सुर्खियों में देखी जाती हैं।
गंभीर और अगरकर में टकराव, वजह क्या?
टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर और चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर के बीच चयन बैठक के दौरान तीखी बहस की खबरें आ रही हैं। मुख्य मुद्दा कुछ खिलाड़ियों के चयन को लेकर था, खासतौर पर श्रेयस अय्यर और विकेटकीपर स्लॉट को लेकर।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गंभीर और अगरकर के बीच श्रेयस अय्यर के चयन को लेकर असहमति थी। अगरकर चाहते थे कि अय्यर को टीम में शामिल किया जाए, लेकिन गंभीर इसके पक्ष में नहीं थे। दोनों के बीच इस मुद्दे पर काफी बहस हुई।
पहला टकराव: श्रेयस अय्यर का चयन
श्रेयस अय्यर की फॉर्म और फिटनेस को लेकर अगरकर का मानना था कि वह मिडल ऑर्डर में टीम को स्थिरता दे सकते हैं। वहीं, गंभीर की सोच थी कि अय्यर की जगह किसी अन्य युवा खिलाड़ी को मौका दिया जाना चाहिए। इस मुद्दे पर दोनों के बीच कड़ा मतभेद उभर कर आया।
दूसरा टकराव: विकेटकीपर स्लॉट पर जंग
सबसे बड़ी बहस विकेटकीपर स्लॉट को लेकर हुई। अगरकर चाहते थे कि ऋषभ पंत टीम के फर्स्ट चॉइस विकेटकीपर हों, जबकि गंभीर ने केएल राहुल के नाम पर जोर दिया। इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में पंत को खेलने का मौका नहीं दिया गया, जबकि राहुल ने सभी तीनों मैच खेले, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि गंभीर की राय भारी पड़ी।
गंभीर ने सार्वजनिक रूप से भी बयान दिया कि केएल राहुल विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर पहली पसंद होंगे, जिसका मतलब है कि ऋषभ पंत को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ेगा।
क्या टीम इंडिया के अंदरूनी मतभेद का असर प्रदर्शन पर पड़ेगा?
टीम के चयन को लेकर इस तरह की बहस और टकराव सवाल खड़े करता है कि क्या टीम इंडिया में सबकुछ ठीक-ठाक है? क्या यह मतभेद टूर्नामेंट के दौरान प्रदर्शन पर असर डालेगा?
फैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट्स इस विवाद को टीम के लिए अच्छा नहीं मान रहे हैं। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम कैसा प्रदर्शन करती है और क्या यह विवाद टीम के मनोबल पर असर डालता है या नहीं।
निष्कर्ष
टीम इंडिया में इस बार का विवाद दिखाता है कि चयन बैठक में निर्णय लेना आसान नहीं होता। गंभीर और अगरकर दोनों ही भारतीय क्रिकेट को सफल बनाने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन उनके दृष्टिकोण में अंतर साफ झलकता है। अब देखना यह होगा कि यह मतभेद मैदान पर किस तरह की रणनीति में तब्दील होता है और क्या भारतीय टीम इन चुनौतियों को पार कर ट्रॉफी अपने नाम कर पाती है या नहीं।