Health policy / अब Covid-19 के लिए ले सकेंगे शॉर्ट टर्म हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी, जानें क्या हैं नए नियम

अब आप Covid-19 को कवर करने वाली शॉर्ट टर्म हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ले सकते हैं इंश्योरेंस रेगुलेटरी ने इंश्योरेंस कंपनियों को कोविड के लिए शॉर्ट टर्म हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी प्रोवाइड कराने की अनुमति देते हुए गाइडलाइंस जारी की है IRDAI ने 23 जून को एक सर्कुलर जारी कर इस संबंध में नए नियम जारी किए हैं, जो 31 मार्च, 2021 तक लागू रहेंगी इसके बाद IRDAI चाहे तो इसे बढ़ा भी सकती है

Vikrant Shekhawat : Jun 25, 2020, 03:33 PM

Covid-19 Health Insurance: अब आप Covid-19 को कवर करने वाली शॉर्ट टर्म हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ले सकते हैं. इंश्योरेंस रेगुलेटरी Insurance Regulatory and Development Authority of India (IRDAI) ने इंश्योरेंस कंपनियों को कोविड के लिए शॉर्ट टर्म हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी प्रोवाइड कराने की अनुमति देते हुए गाइडलाइंस जारी की है. IRDAI ने 23 जून को एक सर्कुलर जारी कर इस संबंध में नए नियम जारी किए हैं, जो 31 मार्च, 2021 तक लागू रहेंगी. इसके बाद IRDAI चाहे तो इसे बढ़ा भी सकती है. 


इस सर्कुलर में IRDAI ने कहा है कि  'कोविड-19 महामारी के बीच इस बीमारी के लिए इंश्योरेंस कवर देने के लिए इस वक्त शॉर्ट टर्म हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी काफी मददगार हो सकता है, ऐसे में सभी इंश्योरेंस कंपनियों को (लाइफ, जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस) कोविड-19 के लिए शॉर्ट टर्म हेल्थ इंश्योरेंस इन गाइडलाइंस के तहत देने की अनुमति है.' आप IRDAI का सर्कुलर यहां चेक कर सकते हैं.

क्या हैं कोविड-19 शॉर्ट टर्म हेल्थ पॉलिसी के फीचर्स-

- इस संबंध में शॉर्ट टर्म हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का मतलब 12 महीनों की कम अवधि के लिए जारी की गई हेल्थ पॉलिसी से होगा.

- - ये पॉलिसी व्यक्तिगत (individual policy) या सामूहिक रूप (Group Policy) से ली जा सकती है. 

- ये पॉलिसी 3 महीने से कम और 11 महीने से ज्यादा अवधि का कवर नहीं देगी. 

- इस पॉलिसी में विशेषतौर पर बस कोविड-19 के लिए हेल्थ इंश्योरेंस कवर देना होगा. 

- इस पॉलिसी में वेटिंग पीरियड 15 दिनों से ज्यादा का नहीं होना चाहिए. 

-  अलग से पॉलिसी में कोई ऐड-ऑन नहीं होगा. 

- इस पॉलिसी में लाइफलॉन्ग रिन्यूएबिलिटी, माइग्रेशन और पोर्टेबिलिटी जैसी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. 

- इसके तहत बस बेनेफिट बेस्ड शॉर्ट टर्म हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ही जारी की जाएगी. हालांकि, जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को indemnity-based यानी हर्जाने की भरपाई और बेनेफिट-बेस्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी देने की छूट होगी.