Vikrant Shekhawat : Feb 14, 2021, 09:09 AM
वाराणसी। पुराने दिनों में, बुजुर्ग युवाओं को निर्देश देते थे कि वे मजाकिया लहजे में सीखते थे, पैसों के मामले में किसी पर भी आंख मूंदकर भरोसा न करें। आज के युग में फेसलेस और कैशलेस के रूप में, कभी-कभी कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं, जो सीखने के दिमाग में ताजा हो जाती हैं। ऐसी ही एक घटना धर्मनगरी वाराणसी में देखने को मिली, जहां सास की सास ने अपने दामाद पर भरोसा किया और दामाद ने अपनी सास के खाते से लाखों रुपये पार कर दिए। खास बात यह है कि दामाद ने यूट्यूब से खातों से पैसे उड़ाने का तरीका सीखा।
मामला अर्दली बाजार इलाके में महावीर मंदिर के पास का है। यहां रहने वाली सुनीता देवी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उनके खाते से लगभग छह लाख रुपये गायब हो गए हैं। जब पुलिस ने जांच की, तो राज ने खुलासा किया कि कोई और नहीं बल्कि उसका दामाद अमित कुमार पेटीएम के माध्यम से वापस आ गया था। पुलिस पूछताछ में अमित ने कहा कि उसकी शादी अजय कुमार और सुनीता देवी की बेटी नेहा से हुई थी। नेहा का कोई भाई नहीं था, इसलिए शादी के बाद अमित ने अपनी सास को सुनीता के बेटे की तरह माना। इतना ही नहीं, अमित अपने ससुराल में रहने लगा।सुनीता देवी के पति बीएसएनएल में कार्यरत थे और रिटायरमेंट के बाद उन्होंने सारा पैसा इलाहाबाद बैंक में सुनीता देवी के खाते में जमा कर दिया था। अक्सर, अमित अपनी सास को बैंक के काम के लिए ले जाता था। कई बार उसने एटीएम का पिन बताकर अमित को कार्ड सौंपा और उससे पैसे लाने को कहा। अमित का स्वभाव भटका हुआ था। अपने शौक को पूरा करने के लिए, उसने अपने दोस्त सूरज विश्वकर्मा के साथ अपनी सास के खाते से पैसे निकालने की योजना बनाई। इसके लिए अमित ने सूरज के मोबाइल नंबर से पेटीएम अकाउंट बनाया और सास के अकाउंट का इस्तेमाल किया। जब ओटीपी पिन आया, तो मैंने किसी बहाने से सास का मोबाइल फोन ले लिया और बाद में मैसेज डिलीट कर दिया। ऐसा करते समय, अमित ने सूरज के साथ अपनी सास सुनीता देवी के खाते से 5,90,389 रुपये निकाल लिए।जब सास एक दिन एटीएम पहुंची तो उसे अपने साथ हुई इस घटना के बारे में पता चला। इसके बाद उसने पुलिस को सूचना दी। सब-इंस्पेक्टर सुनील यादव, हेड कांस्टेबल श्याम लाल गुप्ता, कांस्टेबल रामअवध यादव के साथ महिला कांस्टेबल पुनीता यादव, सलोनी चौरसिया ने साइबर अपराध से जुड़ी टीम में इस पूरी घटना का खुलासा किया। दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया।
मामला अर्दली बाजार इलाके में महावीर मंदिर के पास का है। यहां रहने वाली सुनीता देवी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उनके खाते से लगभग छह लाख रुपये गायब हो गए हैं। जब पुलिस ने जांच की, तो राज ने खुलासा किया कि कोई और नहीं बल्कि उसका दामाद अमित कुमार पेटीएम के माध्यम से वापस आ गया था। पुलिस पूछताछ में अमित ने कहा कि उसकी शादी अजय कुमार और सुनीता देवी की बेटी नेहा से हुई थी। नेहा का कोई भाई नहीं था, इसलिए शादी के बाद अमित ने अपनी सास को सुनीता के बेटे की तरह माना। इतना ही नहीं, अमित अपने ससुराल में रहने लगा।सुनीता देवी के पति बीएसएनएल में कार्यरत थे और रिटायरमेंट के बाद उन्होंने सारा पैसा इलाहाबाद बैंक में सुनीता देवी के खाते में जमा कर दिया था। अक्सर, अमित अपनी सास को बैंक के काम के लिए ले जाता था। कई बार उसने एटीएम का पिन बताकर अमित को कार्ड सौंपा और उससे पैसे लाने को कहा। अमित का स्वभाव भटका हुआ था। अपने शौक को पूरा करने के लिए, उसने अपने दोस्त सूरज विश्वकर्मा के साथ अपनी सास के खाते से पैसे निकालने की योजना बनाई। इसके लिए अमित ने सूरज के मोबाइल नंबर से पेटीएम अकाउंट बनाया और सास के अकाउंट का इस्तेमाल किया। जब ओटीपी पिन आया, तो मैंने किसी बहाने से सास का मोबाइल फोन ले लिया और बाद में मैसेज डिलीट कर दिया। ऐसा करते समय, अमित ने सूरज के साथ अपनी सास सुनीता देवी के खाते से 5,90,389 रुपये निकाल लिए।जब सास एक दिन एटीएम पहुंची तो उसे अपने साथ हुई इस घटना के बारे में पता चला। इसके बाद उसने पुलिस को सूचना दी। सब-इंस्पेक्टर सुनील यादव, हेड कांस्टेबल श्याम लाल गुप्ता, कांस्टेबल रामअवध यादव के साथ महिला कांस्टेबल पुनीता यादव, सलोनी चौरसिया ने साइबर अपराध से जुड़ी टीम में इस पूरी घटना का खुलासा किया। दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया।