वैक्सीन / कोवैक्सीन व कोविशील्ड के मिश्रण पर अध्ययन को डीसीजीआई ने दी मंज़ूरी

ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने कोवैक्सीन और कोविशील्ड की खुराकों के मिश्रण को लेकर अध्ययन को मंज़ूरी प्रदान की है। यह अध्ययन वेल्लोर (तमिलनाडु) स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी) द्वारा किया जाएगा। इससे पहले, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने 18 लोगों पर अध्ययन के बाद कहा था कि टीकों के मिश्रण से बेहतर सुरक्षा मिलती है।

Vikrant Shekhawat : Aug 11, 2021, 05:24 PM
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के दो टीकों की मिक्सिंग पर भारत एक कदम और आगे बढ़ गया है। अब ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने भी कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन की मिक्सिंग पर स्टडी के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। यह स्टडी और क्लिनिकल ट्रायल करने की जिम्मेदारी वेल्लोर के क्रिश्चन मेडिकल कॉलेज को मिली है।

इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, केंद्रीय दवा नियामक की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने 29 जुलाई को ही इस स्टडी को कराए जाने के लिए सुझाव दिया था।

बैठक के दौरान एक्सपर्ट कमेटी ने सीएमसी, वेल्लोर को चौथे फेज के क्लिनिकल ट्रायल किए जाने की मंजूरी देने का सुझाव दिया। इस ट्रायल में 300 स्वस्थ वॉलंटियर्स पर कोविड-19 की कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन की मिक्सिंग के प्रभाव जांचे जाएंगे। 

इस स्टडी का मकसद यह जानना है कि क्या किसी व्यक्ति के पूर्ण टीकाकरण के लिए उसे एक खुराक कोवैक्सीन और दूसरी खुराकी कोविशील्ड की दी जा सकती है।

यह प्रस्तावित स्टडी हाल ही में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी (ICMR) द्वारा की गई स्टडी से अलग है। आईसीएमआर ने उत्तर प्रदेश के उन लोगों पर शोध किया था, जिन्हें गलती से दो अलग-अलग कोरोना रोधी टीकों की खुराक दे दी गई थी।

इस स्टडी के आधार पर आईसीएमआर ने कहा था कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड को मिलाकर दिए जाने से बेहतर परिणाम दिखे हैं और इससे कोविड-19 के खिलाफ अच्छी इम्यूनिटी भी बनी है। यह स्टडी मई और जून के बीच उत्तर प्रदेश के लाभार्थियों पर की गई।

संसद में सरकार ने क्या कहा था

तीन अगस्त को सरकार ने कहा था कि कोरोना वायरस रोधी टीकों की दोनों खुराक मिलाने के बारे में अब तक कोई सिफारिश नहीं की गई है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोविड-19 रोधी टीके हाल में विकसित किए गए हैं। विभिन्न टीकों को मिलाने और मिश्रित टीकों को लेकर वैज्ञानिक प्रमाण तथा अध्ययन शुरुआती अवस्था में हैं।