बड़ी खबर / Jalalabad में सुखबीर बादल पर हमला, अकाली कार्यकर्ताओं पर चली गोलियां

पंजाब के जलालाबाद में अकाली दल के उम्मीदवारों की फाइल भरने के लिए पहुंचे सुखबीर बादल की गाड़ी पर भी उपद्रवियों ने हमला किया. इस दौरान फायरिंग भी की गई है. खबर है कि तीन अकाली वर्करों को गोली लगी हैआज अकाली दल के प्रत्याशी का नामांकन था. नामांकन कराने के लिए खुद अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल पहुंचे. जैसे ही सुखबीर बादल का काफिला जलालाबाद कोर्ट कॉम्प्लैक्स पहुंचा, वैसे ही हंगामा शुरू हो गया.

Vikrant Shekhawat : Feb 02, 2021, 02:24 PM
पंजाब के जलालाबाद में अकाली दल के नेता सुखबीर बादल की गाड़ी पर हमला हुआ है. अकाली दल के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि कांग्रेसियों ने हमला किया है. इस हमले के बाद अकाली और कांग्रेसी आपस में भिड़ गए. इस दौरान जमकर ईंट-पत्थर चले और कई राउंड फायरिंग की भी खबर है. दरअसल, जलालाबाद में नगर काउंसिल का चुनाव हो रहा है. कल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी. आज अकाली दल के प्रत्याशी का नामांकन था. नामांकन कराने के लिए खुद अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल पहुंचे. जैसे ही सुखबीर बादल का काफिला जलालाबाद कोर्ट कॉम्प्लैक्स पहुंचा, वैसे ही हंगामा शुरू हो गया. हर तरफ भगदड़ मच गई, लोग बैरिकेडिंग तोड़कर कोर्ट कॉम्प्लैक्स में दाखिल होने लगे. इस दौरान जमकर पत्थरबाजी हुई. कई राउंड फायरिंग भी हुई. इतना ही नहीं मौके पर मौजूद सुखबीर बादल की गाड़ी पर पथराव भी किया गया. हालांकि, जब पथराव हुआ तो वह गाड़ी में मौजूद नहीं थे. उन्हें सुरक्षा घेरे में दूसरी जगह रखा गया था.


कांग्रेस और अकाली दल के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प में दो अकाली वर्कर घायल बताए जा रहे हैं. अकाली दल का आरोप है कि कांग्रेस द्वारा उन्हें नामांकन पत्र दाखिल करने से रोकने के लिए ये बवाल किया गया है. अकाली दल के नेताओं ने कहा कि कांग्रेस के गुंडे हंगामा कर रहे हैं और हमें नामांकन भरने से रोक रहे हैं. फिलहाल, मौके पर पुलिस के आला अधिकारी पहुंच गए हैं और मामले को शांत कराने की कवायद में जुटे हुए हैं. अभी भी माहौल तनावपूर्ण है. अकाली दल ने सुखबीर सिंह बादल पर जानलेवा हमले की निंदा की है. साथ ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस्तीफा और हाई कोर्ट के जस्टिस की अगुवाई में जांच की मांग की है. अकाली दल ने कहा कि कांग्रेस के माफियाओं के आगे सीएम बेबस हैं और यहां तक कि राज्य पुलिस को गुंडों के खिलाफ कार्रवाई न करने का निर्देश दिया गया है.