AajTak : Jun 30, 2020, 09:36 AM
चीन: शोधकर्ताओं को चीन में एक नया स्वाइन फ्लू मिला है। जो इस समय कोरोना महामारी में मुसीबत को बढ़ा सकता है। यह स्टडी अमेरिकी साइंस जर्नल PNAS में प्रकाशित हुई है। खोजी गई नई स्वाइन फ्लू बीमारी 2009 में पूरी दुनिया में फैले H1N1 स्वाइन फ्लू की ही अनुवांशिक वंशज है। यानी जेनेटिकल डिसेंडेंट। पर यह ज्यादा खतरनाक है।
चीन की कई यूनिवर्सिटी और चीन के सेंटर फॉर डिजीस कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के वैज्ञानिको ने कहा है कि नया स्वाइन फ्लू इतना ताकतवर है कि यह इंसानों को बहुत बीमार कर सकता है। नए स्वाइन फ्लू का संक्रमण अगर कोरोना महामारी के दौरान फैल गया तो बहुत बड़ी मुसीबत खड़ी हो जाएगी। नए स्वाइन फ्लू का नाम है जी4 (G4)। चीन के वैज्ञानिकों ने इसे खोजने के लिए साल 2011 से 2018 तक रिसर्च किया है। इस दौरान इन वैज्ञानिकों ने चीन के 10 राज्यों से 30 हजार सुअरों के नाक से स्वैब लिया। इस स्वैब की जांच की गई।स्वैब से पता चला कि चीन में 179 तरह के स्वाइन फ्लू हैं। इन सभी में से जी4 को अलग किया गया। ज्यादातर सुअरों में जी4 (G4) स्वाइन फ्लू मिला है। जो साल 2016 के बाद से सुअरों में पनप रहा है। इसके बाद वैज्ञानिकों ने जी4 (G4) पर अध्ययन करना शुरु किया, फिर ऐसा खुलासा हुआ जिससे उनके होश उड़ गए। अध्ययन में पता चला कि नया स्वाइल फ्लू जी4 (G4) इंसानों को तेजी और गंभीरता से संक्रमित कर सकता है। जी4 (G4) अत्यधिक तीव्रता के साथ संक्रमण फैलाता है। यानी बहुत तेजी से यह इंसानों के बीच महामारी का रूप ले सकता है। जांच में यह भी पता चला कि सीजनल फ्लू होने से किसी इंसान को जी4 (G4) स्वाइन फ्लू से इम्यूनिटी नहीं मिलेगी। सामान्य फ्लू की प्रतिरोधक क्षमता होने के बावजूद जी4 (G4) किसी को भी भयानक रूप से बीमार कर सकता है। वैज्ञानिकों ने दावा कि या है कि चीन में सुअरों के फार्म में काम करने वाले हर दस लोगों में से एक में जी4 (G4) का संक्रमण मिला है। इन वैज्ञानिकों ने इन लोगों का एंटीबॉडी टेस्ट किया था, जिसके बाद जी4 (G4) के संक्रमण की पुष्टि हुई है। 230 लोगों पर इस वायरस का टेस्ट किया गया उसमें से करीब 4।4 फीसदी लोगों को जी4 (G4) का संक्रमण था। यह वायरस सुअरों से इंसानों में पहुंच गया है। लेकिन अभी तक इसके सबूत नहीं मिले हैं कि यह इंसानों से इंसानों में पहुंच रहा है कि नहीं। वैज्ञानिक इस पर अभी अध्ययन कर रहे हैं। चीनी वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि अगर जी4 (G4) इंसानों से इंसानों में फैलने लगा तो यह महामारी और खतरनाक हो जाएगी। इस समय सबसे ज्यादा जरूरत है उन लोगों का ध्यान रखने की जो सुअरों के साथ काम करते हैं।कैंब्रिज यूनिर्सिटी में वेटरिनरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख जेम्स वुड ने कहा कि हमें फार्म में पाले जाने वाले जानवरों से होने वाले संक्रमण को लेकर गंभीर होना होगा। क्योंकि इंसानों और जंगली जानवरों के बढ़ते संबंधों की वजह से ही ऐसे वायरस और संक्रमण फैल रहे हैं। हमें जंगली जीवों से अपना संपर्क कम करना होगा।
चीन की कई यूनिवर्सिटी और चीन के सेंटर फॉर डिजीस कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के वैज्ञानिको ने कहा है कि नया स्वाइन फ्लू इतना ताकतवर है कि यह इंसानों को बहुत बीमार कर सकता है। नए स्वाइन फ्लू का संक्रमण अगर कोरोना महामारी के दौरान फैल गया तो बहुत बड़ी मुसीबत खड़ी हो जाएगी। नए स्वाइन फ्लू का नाम है जी4 (G4)। चीन के वैज्ञानिकों ने इसे खोजने के लिए साल 2011 से 2018 तक रिसर्च किया है। इस दौरान इन वैज्ञानिकों ने चीन के 10 राज्यों से 30 हजार सुअरों के नाक से स्वैब लिया। इस स्वैब की जांच की गई।स्वैब से पता चला कि चीन में 179 तरह के स्वाइन फ्लू हैं। इन सभी में से जी4 को अलग किया गया। ज्यादातर सुअरों में जी4 (G4) स्वाइन फ्लू मिला है। जो साल 2016 के बाद से सुअरों में पनप रहा है। इसके बाद वैज्ञानिकों ने जी4 (G4) पर अध्ययन करना शुरु किया, फिर ऐसा खुलासा हुआ जिससे उनके होश उड़ गए। अध्ययन में पता चला कि नया स्वाइल फ्लू जी4 (G4) इंसानों को तेजी और गंभीरता से संक्रमित कर सकता है। जी4 (G4) अत्यधिक तीव्रता के साथ संक्रमण फैलाता है। यानी बहुत तेजी से यह इंसानों के बीच महामारी का रूप ले सकता है। जांच में यह भी पता चला कि सीजनल फ्लू होने से किसी इंसान को जी4 (G4) स्वाइन फ्लू से इम्यूनिटी नहीं मिलेगी। सामान्य फ्लू की प्रतिरोधक क्षमता होने के बावजूद जी4 (G4) किसी को भी भयानक रूप से बीमार कर सकता है। वैज्ञानिकों ने दावा कि या है कि चीन में सुअरों के फार्म में काम करने वाले हर दस लोगों में से एक में जी4 (G4) का संक्रमण मिला है। इन वैज्ञानिकों ने इन लोगों का एंटीबॉडी टेस्ट किया था, जिसके बाद जी4 (G4) के संक्रमण की पुष्टि हुई है। 230 लोगों पर इस वायरस का टेस्ट किया गया उसमें से करीब 4।4 फीसदी लोगों को जी4 (G4) का संक्रमण था। यह वायरस सुअरों से इंसानों में पहुंच गया है। लेकिन अभी तक इसके सबूत नहीं मिले हैं कि यह इंसानों से इंसानों में पहुंच रहा है कि नहीं। वैज्ञानिक इस पर अभी अध्ययन कर रहे हैं। चीनी वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि अगर जी4 (G4) इंसानों से इंसानों में फैलने लगा तो यह महामारी और खतरनाक हो जाएगी। इस समय सबसे ज्यादा जरूरत है उन लोगों का ध्यान रखने की जो सुअरों के साथ काम करते हैं।कैंब्रिज यूनिर्सिटी में वेटरिनरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख जेम्स वुड ने कहा कि हमें फार्म में पाले जाने वाले जानवरों से होने वाले संक्रमण को लेकर गंभीर होना होगा। क्योंकि इंसानों और जंगली जानवरों के बढ़ते संबंधों की वजह से ही ऐसे वायरस और संक्रमण फैल रहे हैं। हमें जंगली जीवों से अपना संपर्क कम करना होगा।