India-China Relations / भारत को रोक रहा... सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया चीन कैसे बन रहा बाधा

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने चीन को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि चीन ग्लोबल साउथ में भारत को आगे बढ़ने नहीं देना चाहता और प्रतिस्पर्धा पैदा कर बाधा डालता है। जनरल बिपिन रावत मेमोरियल लेक्चर में उन्होंने अफ्रीका की संभावनाओं पर विचार करने की आवश्यकता बताई।

India-China Relations: भारत के सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने हाल ही में चीन को लेकर एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि चीन ग्लोबल साउथ में भारत को आगे बढ़ने नहीं देना चाहता है। वह यहां प्रतिस्पर्धा उत्पन्न करता है और भारत के प्रयासों को बाधित करने का प्रयास करता है। नई दिल्ली में जनरल बिपिन रावत मेमोरियल लेक्चर के दौरान आर्मी चीफ ने भारत को भविष्य के शक्ति केंद्र के रूप में अफ्रीका की संभावनाओं पर विचार करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

भारत के सामने चुनौतियां और चीन की भूमिका

सेना प्रमुख ने भारत के सामने आने वाली चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि चीन की बढ़ती ताकत और वैश्विक स्तर पर उसकी भूमिका ग्लोबल साउथ में एक महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धा पैदा कर रही है। चीन की सामरिक शक्ति भारत के लिए सुरक्षा के लिहाज से गंभीर चुनौती पेश कर रही है।

चीन ने पिछले कुछ वर्षों में ग्लोबल साउथ के देशों के बीच एक प्रमुख शक्ति के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया है। इसके चलते वह भारत के आगे बढ़ने में बाधा उत्पन्न कर रहा है और विभिन्न रणनीतिक प्रयासों के माध्यम से प्रतिस्पर्धा को और बढ़ावा दे रहा है।

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) पर नजर रखने की जरूरत

जनरल द्विवेदी ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत, जो कि विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाला देश और सबसे बड़ा लोकतंत्र है, अपनी भू-रणनीतिक स्थिति के बावजूद वैश्विक स्तर पर अपेक्षाकृत निचले पायदान पर बना हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिक्स (BRICS) को भी कई असफलताओं का सामना करना पड़ा है, इसलिए भारत को अपनी रणनीति को और मजबूत करने की जरूरत है।

चीन की बढ़ती ताकत: भारत के लिए बहुआयामी चुनौती

सेना प्रमुख का यह बयान चीन के बढ़ते आर्थिक और सामरिक प्रभाव को लेकर भारत के सामने आने वाली चुनौतियों को स्पष्ट करता है। चीन की आर्थिक ताकत जहां वैश्विक व्यापार और निवेश पर असर डाल रही है, वहीं उसकी सैन्य और सामरिक वृद्धि भारत के लिए सुरक्षा के लिहाज से गंभीर चुनौती पेश कर रही है।

भारत के लिए यह केवल एक आर्थिक और सैन्य चुनौती नहीं है, बल्कि वैश्विक निर्णयों पर प्रभाव डालने में भी चीन एक बड़ा अवरोधक बनता जा रहा है। इस चुनौती का सामना करने के लिए भारत को अपने आर्थिक, सामरिक और कूटनीतिक कदमों को और अधिक सशक्त बनाना होगा।

निष्कर्ष

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के इस बयान से स्पष्ट होता है कि भारत को अपनी वैश्विक स्थिति मजबूत करने के लिए नई रणनीतियों को अपनाना होगा। अफ्रीका जैसी नई संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित करना और चीन की नीतियों को समझकर एक ठोस रणनीतिक प्रतिक्रिया देना भारत के दीर्घकालिक हितों के लिए महत्वपूर्ण होगा। इसके साथ ही, शंघाई सहयोग संगठन जैसी बहुपक्षीय संस्थाओं की गतिविधियों पर सतर्क निगरानी रखना भी आवश्यक है, ताकि भारत अपने राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास संबंधी लक्ष्यों को प्राप्त कर सके।