Pahalgam Terror Attack / ट्रंप का पहलगाम हमले पर आतंकियों को पैगाम, मोदी से बोले- लड़ाई में हम साथ

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को गहरे सदमे में डाल दिया है। कई निर्दोष पर्यटकों की हत्या हुई और अनेक घायल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने दौरा बीच में छोड़ा, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप सहित रूस, इजराइल ने समर्थन जताया। सेना ने आतंकियों के खिलाफ अभियान तेज किया है।

Pahalgam Terror Attack: जम्मू और कश्मीर के खूबसूरत पहलगाम में हाल ही में हुआ आतंकी हमला केवल एक क्षेत्रीय त्रासदी नहीं है, बल्कि यह वैश्विक मानवता के विरुद्ध एक क्रूर वार है। इस भीषण हमले में निर्दोष पर्यटकों की नृशंस हत्या कर दी गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घाटी के इस शांत कोने में हुए इस बर्बर हमले ने न केवल भारत को झकझोर दिया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आतंकवाद अब सीमाओं से परे एक साझा चुनौती बन चुका है।

तेज़ प्रतिक्रिया: भारत का निर्णायक कदम

हमले के तुरंत बाद भारत सरकार ने स्थिति को गंभीरता से लिया। गृहमंत्री अमित शाह तत्काल कश्मीर पहुंचे, जिससे केंद्र की तत्परता और इस मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का संकेत मिला। इसके साथ ही सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर डालते हुए घटनास्थल पर अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है। सेना और अन्य एजेंसियों ने आतंकियों की तलाश में संयुक्त अभियान शुरू कर दिया है, जिसका उद्देश्य न केवल हमलावरों को पकड़ना है, बल्कि पूरे क्षेत्र में स्थायीत्व बहाल करना भी है।

वैश्विक समर्थन: अमेरिका, रूस और इज़राइल की एकजुटता

हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के साथ एकजुटता दिखाई दी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर न केवल हमले की निंदा की, बल्कि अमेरिका की ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन भी दिया। यह कूटनीतिक संवाद भारत-अमेरिका सामरिक संबंधों में एक नया आयाम जोड़ता है, जो आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक गठबंधन को और मजबूत करता है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे ‘अमानवीय अपराध’ करार देते हुए भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और भी मजबूत करने की बात कही। वहीं, इज़राइल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने हमले की तीव्र निंदा करते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की। ये प्रतिक्रियाएं दर्शाती हैं कि भारत अब अकेला नहीं है — आतंकवाद के विरुद्ध यह संघर्ष वैश्विक चेतना का हिस्सा बन चुका है।

प्रधानमंत्री की तत्परता: देश सर्वोपरि

प्रधानमंत्री मोदी ने इस हमले के बाद सऊदी अरब की अपनी महत्वपूर्ण विदेश यात्रा को तत्काल समाप्त कर दिल्ली लौटने का निर्णय लिया। यह कदम स्पष्ट करता है कि उनके लिए राष्ट्र की सुरक्षा और जनता की पीड़ा सर्वोपरि है। प्रधानमंत्री ने अपने बयान में दो टूक कहा कि आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें न्याय के कठघरे तक लाकर ही दम लिया जाएगा।

उनके शब्दों में जो दृढ़ता और संकल्प झलकता है, वह भारत के नए रुख को दर्शाता है — जहां आतंक के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी, और न ही कोई राजनीतिक दबाव भारत की जवाबी कार्रवाई की दिशा बदल पाएगा।

एकजुटता की मिसाल और भविष्य की राह

पहलगाम हमला एक बार फिर याद दिलाता है कि आतंकवाद केवल एक देश या समुदाय की समस्या नहीं है, यह पूरी दुनिया की चुनौती है। इस संकट की घड़ी में वैश्विक समर्थन भारत के लिए न केवल कूटनीतिक शक्ति है, बल्कि यह उस नैतिक समर्थन का प्रतीक है, जो आतंक के खिलाफ वैश्विक एकजुटता को मजबूती देता है।

भारत अब एक निर्णायक मोड़ पर है — जहां वह आतंक के खिलाफ न केवल आंतरिक स्तर पर बल्कि वैश्विक मंचों पर भी मजबूती से आवाज उठाएगा। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भारत इस हमले के जवाब में कैसे अपनी रणनीति को आकार देता है, और क्या यह घटना दुनिया के लिए आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट होकर कदम उठाने का निर्णायक क्षण बन सकती है।