Vikrant Shekhawat : Jun 20, 2021, 07:31 AM
असम के कछार जिले में एक महिला ने 5.2 किलोग्राम वजन के बच्चे को जन्म दिया है। डॉक्टरों ने राज्य में नवजात शिशु के जन्म के समय सबसे भारी वजन होने का दावा किया है। डॉक्टर का कहना है कि इस बच्चे के जन्म के बाद अन्य हॉस्पिटल में जानकारी जुटाई गई, जिसके बाद पता चला कि इससे अधिक वजन वाले बच्चे ने राज्य में जन्म नहीं लिया है।
जानकारी के अनुसार सिलचर के कनकपुर पार्ट-2 क्षेत्र की रहने वाली 27 वर्षीय गर्भवती महिला जया दास को 17 जून को सतींद्र मोहन देव सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी डिलीवरी के लिए 29 मई को अस्पताल में एडमिट होने की सलाह दी गई थी, लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से वह निर्धारित डेट पर हॉस्पिटल में नहीं आ सकी।
20 दिन की देरी से हुई प्रसव पीड़ाः डॉक्टर हनीफहॉस्पिटल के डॉ। हनीफ मोहम्मद अफसर आलम ने बताया कि वे इस महिला का शुरू से उपचार कर रहे हैं। गर्भवती महिला को 29 मई को अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी गई थी, लेकिन करीब 20 दिन देरी से 17 जून को जब प्रसव पीड़ा हुई, तब वह अस्पताल में आई। उन्होंने बताया कि जया का पहले का बच्चा सिजेरियन से था, इसलिए उन्होंने लास्ट सोनोग्राफी भी नहीं की। आपातकालीन स्थिति में उसे भर्ती कर लिया गया। इसके बाद सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों की टीम ने सिजेरियन डिलीवरी की, जिसमें महिला ने 5.2 किलो के बच्चे को जन्म दिया। डॉ। आलम ने कहा कि डिलीवरी में देरी हुई थी, लेकिन ये अंदाजा नहीं था, कि बच्चे का वजन इतना अधिक होगा। उन्होंने बताया कि बच्चा और मां दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। आमतौर पर नवजात का वजन 2.5 किलो से 3 किलो तक होता है।उन्होंने बताया कि इस बारे में कई अन्य डॉक्टरों से बात की। उनके द्वारा भी पांच किलो से अधिक वजन के किसी नवजात के बारे में जानकारी नहीं मिली। डॉ। आलम ने दावा किया है, कि यह असम में जन्म लेने वाला सबसे ज्यादा वजन का नवजात है। उन्होंने बताया कि जया दास और बादल दास का ये दूसरा बच्चा है। उनके पहले बच्चे का जन्म के समय वजन 3.8 किलो था।
जानकारी के अनुसार सिलचर के कनकपुर पार्ट-2 क्षेत्र की रहने वाली 27 वर्षीय गर्भवती महिला जया दास को 17 जून को सतींद्र मोहन देव सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी डिलीवरी के लिए 29 मई को अस्पताल में एडमिट होने की सलाह दी गई थी, लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से वह निर्धारित डेट पर हॉस्पिटल में नहीं आ सकी।
20 दिन की देरी से हुई प्रसव पीड़ाः डॉक्टर हनीफहॉस्पिटल के डॉ। हनीफ मोहम्मद अफसर आलम ने बताया कि वे इस महिला का शुरू से उपचार कर रहे हैं। गर्भवती महिला को 29 मई को अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी गई थी, लेकिन करीब 20 दिन देरी से 17 जून को जब प्रसव पीड़ा हुई, तब वह अस्पताल में आई। उन्होंने बताया कि जया का पहले का बच्चा सिजेरियन से था, इसलिए उन्होंने लास्ट सोनोग्राफी भी नहीं की। आपातकालीन स्थिति में उसे भर्ती कर लिया गया। इसके बाद सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों की टीम ने सिजेरियन डिलीवरी की, जिसमें महिला ने 5.2 किलो के बच्चे को जन्म दिया। डॉ। आलम ने कहा कि डिलीवरी में देरी हुई थी, लेकिन ये अंदाजा नहीं था, कि बच्चे का वजन इतना अधिक होगा। उन्होंने बताया कि बच्चा और मां दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। आमतौर पर नवजात का वजन 2.5 किलो से 3 किलो तक होता है।उन्होंने बताया कि इस बारे में कई अन्य डॉक्टरों से बात की। उनके द्वारा भी पांच किलो से अधिक वजन के किसी नवजात के बारे में जानकारी नहीं मिली। डॉ। आलम ने दावा किया है, कि यह असम में जन्म लेने वाला सबसे ज्यादा वजन का नवजात है। उन्होंने बताया कि जया दास और बादल दास का ये दूसरा बच्चा है। उनके पहले बच्चे का जन्म के समय वजन 3.8 किलो था।