Vikrant Shekhawat : Apr 11, 2021, 11:46 AM
मुंबई में 20 साल के एक शख्स को एक नाबालिग लड़की को आंख मारने और फ्लाइंग किस करने के आरोप में एक साल की सजा सुनाई गई है। ये सजा प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस (पॉक्सो) एक्ट के तहत सुनाई गई। 29 फरवरी 2020 को 14 साल की एक लड़की ने अपनी मां को बताया कि उसे एक शख्स ने आंख मारने के अलावा कई बार फ्लाइंग किस किया। लड़की के घरवालों ने एलटी मार्ग पुलिस स्टेशन में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए जिस शख्स के खिलाफ शिकायत हुई थी, उसे गिरफ्तार कर लिया। तब से वो सलाखों के पीछे था।
गिरफ्तार शख्स ने ट्रायल के दौरान अदालत के सामने दावा किया कि लड़की की मां ने उसे इसलिए लड़की से बात करने से रोका क्योंकि वो दोनों अलग-अलग समुदाय के थे। उसने साथ ही आरोप लगाया कि उसे झूठा फंसाया गया क्योंकि लड़की के एक रिश्तेदार और उसमें शर्त लगी थी। ट्रायल के दौरान लड़की, उसकी मां और जांच अधिकारी से गवाहों के तौर पर जिरह की गई। कोर्ट ने इन तीनों के बयानों को दोषी के अपराध को साबित करने के लिए पर्याप्त माना। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन यौन उत्पीड़न का अपराध साबित करने में सफल रहा। कोर्ट ने दोषी को एक साल की सजा देने के साथ आदेश में कहा कि अगर रिकॉर्ड पर जो साक्ष्य हैं, उन्हें गौर से देखा जाए तो आरोपी की तरफ से आंख मारना और फ्लाइंग किस देना सेक्सुअल इशारा है, इसलिए पीड़ित का इससे यौन उत्पीड़न हुआ।
गिरफ्तार शख्स ने ट्रायल के दौरान अदालत के सामने दावा किया कि लड़की की मां ने उसे इसलिए लड़की से बात करने से रोका क्योंकि वो दोनों अलग-अलग समुदाय के थे। उसने साथ ही आरोप लगाया कि उसे झूठा फंसाया गया क्योंकि लड़की के एक रिश्तेदार और उसमें शर्त लगी थी। ट्रायल के दौरान लड़की, उसकी मां और जांच अधिकारी से गवाहों के तौर पर जिरह की गई। कोर्ट ने इन तीनों के बयानों को दोषी के अपराध को साबित करने के लिए पर्याप्त माना। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन यौन उत्पीड़न का अपराध साबित करने में सफल रहा। कोर्ट ने दोषी को एक साल की सजा देने के साथ आदेश में कहा कि अगर रिकॉर्ड पर जो साक्ष्य हैं, उन्हें गौर से देखा जाए तो आरोपी की तरफ से आंख मारना और फ्लाइंग किस देना सेक्सुअल इशारा है, इसलिए पीड़ित का इससे यौन उत्पीड़न हुआ।