Vikrant Shekhawat : Dec 03, 2020, 04:27 PM
UP: सरकार सभी दिशा-निर्देशों और जागरूकता पर करोड़ों और अरबों रुपये खर्च कर रही है। उनकी जमीनी हकीकत को यूपी के आजमगढ़ में इसका एक जीता जागता उदाहरण जनता देखती है या अपनाती है। यहां कोविद -19 के दिशानिर्देशों को दरकिनार करते हुए, डीजे पर देर रात तक डीजे बजते रहे, जिसे देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ी।
आजमगढ़ जिले के कंधरापुर थाना क्षेत्र में एक समारोह के दौरान, बार बाला का नृत्य देर रात तक चलता रहा और इसमें फूहड़ नृत्य डीजे की धुन पर चलता रहा। एक या दो नहीं, बल्कि आधा दर्जन से अधिक बार, डीजे और लाउडस्पीकर के संगीत में लड़कियों का नृत्य देर रात तक चलता रहा।नियमों की सामाजिक गड़बड़ी और पूरी भीड़, बिना किसी मुखौटे के, एक दूसरे के करीब ऐसे बैठी मानो उन्होंने कोरोना महामारी की परवाह न की हो।इस पूरे मामले पर न तो स्थानीय पुलिस और न ही कोई उसे रोक सका। अब सवाल यह भी उठता है कि ऐसे आयोजनों और प्रायोजन की अनुमति कौन देता है? क्या इस तरह की घटनाओं पर प्रतिबंध लगाने और इस भयानक कोरोना जैसी बीमारी का थोड़ा डर है?अब देखना यह है कि स्थानीय प्रशासन ऐसे कार्यक्रमों और आयोजनों को कैसे देखता है ताकि आने वाले समय में कोरोना महामारी संबंधी दिशानिर्देशों का पालन किया जा सके। दिशानिर्देश के तहत, एक शादी या समारोह में 100 से अधिक लोगों की भीड़ शामिल नहीं हो सकती है और सामाजिक गड़बड़ी का कड़ाई से पालन किया जाना है।
आजमगढ़ जिले के कंधरापुर थाना क्षेत्र में एक समारोह के दौरान, बार बाला का नृत्य देर रात तक चलता रहा और इसमें फूहड़ नृत्य डीजे की धुन पर चलता रहा। एक या दो नहीं, बल्कि आधा दर्जन से अधिक बार, डीजे और लाउडस्पीकर के संगीत में लड़कियों का नृत्य देर रात तक चलता रहा।नियमों की सामाजिक गड़बड़ी और पूरी भीड़, बिना किसी मुखौटे के, एक दूसरे के करीब ऐसे बैठी मानो उन्होंने कोरोना महामारी की परवाह न की हो।इस पूरे मामले पर न तो स्थानीय पुलिस और न ही कोई उसे रोक सका। अब सवाल यह भी उठता है कि ऐसे आयोजनों और प्रायोजन की अनुमति कौन देता है? क्या इस तरह की घटनाओं पर प्रतिबंध लगाने और इस भयानक कोरोना जैसी बीमारी का थोड़ा डर है?अब देखना यह है कि स्थानीय प्रशासन ऐसे कार्यक्रमों और आयोजनों को कैसे देखता है ताकि आने वाले समय में कोरोना महामारी संबंधी दिशानिर्देशों का पालन किया जा सके। दिशानिर्देश के तहत, एक शादी या समारोह में 100 से अधिक लोगों की भीड़ शामिल नहीं हो सकती है और सामाजिक गड़बड़ी का कड़ाई से पालन किया जाना है।