Vikrant Shekhawat : May 04, 2022, 11:34 AM
सीहोर जिले में आखा तीज (अक्षय तृतीया) के अबूझ मुहूर्त में गुपचुर तरीके से 3 बाल विवाह किए जा रहे थे। बाल विवाह की सूचना मिलने पर महिला एवं बाल विकास विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मौके पर पहुंचकर शादी रुकवाई।
जानकारी के अनुसार महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग, कोर सदस्य के संयुक्त दल ने नसरूलागंज विकासखण्ड में ग्राम डिमावर में 2 और टिकामोड लाड़कुई में 1 बाल विवाह को रुकवाया।
ग्राम डिमावर में परियोजना अधिकारी गिरीष चौहान, पर्यवेक्षक मनीषा सावले, अरूणा पाठक आगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं पुलिस दल ने संबंधित के घर पहुंचकर बालिका की आयु के संबंध मे दस्तावेज मांगे, परिजनों ने बालिका की आयु के प्रमाण हेतु मार्कशीट दिखाई, जिससे बालिका का जन्म 16/02/2006 का होना पाया गया। मार्कशीट के अनुसार बच्ची की उम्र लगभग 16 वर्ष 2 माह है। बच्ची के नाबालिग पाए जाने पर माता-पिता को ग्रामवासियों के समक्ष समझाइश दी गई और बाल विवाह न करने की बात कही गई। समझाइश पर परिजनों ने सहमति व्यक्ति की और 18 वर्ष की होने पर विवाह की बात कही।
वहीं, ग्राम डिमावर में भी अधिकारियों ने संबंधित के घर पहुंचकर बालिका की आयु के दस्तावेज जांचे बच्ची की उम्र 18 वर्ष से कम पाए जाने पर अधिकारियों ने विवाह को रोक दिया। माता-पिता को बाल विवाह करने पर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही और समझाइश दी गई, जिस पर परिजन राजी हुए और शादी रोक दी गई। ग्राम टीकामोड में भी बाल विवाह के संबंध में अधिकारियों ने परिजनों को समझाकर नाबालिग बच्ची की शादी होने से रोका। बता दें बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम अंतर्गत तय उम्र से पहले लड़के या लड़की का विवाह करने पर 2 वर्ष की सजा एवं 1 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
जानकारी के अनुसार महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग, कोर सदस्य के संयुक्त दल ने नसरूलागंज विकासखण्ड में ग्राम डिमावर में 2 और टिकामोड लाड़कुई में 1 बाल विवाह को रुकवाया।
ग्राम डिमावर में परियोजना अधिकारी गिरीष चौहान, पर्यवेक्षक मनीषा सावले, अरूणा पाठक आगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं पुलिस दल ने संबंधित के घर पहुंचकर बालिका की आयु के संबंध मे दस्तावेज मांगे, परिजनों ने बालिका की आयु के प्रमाण हेतु मार्कशीट दिखाई, जिससे बालिका का जन्म 16/02/2006 का होना पाया गया। मार्कशीट के अनुसार बच्ची की उम्र लगभग 16 वर्ष 2 माह है। बच्ची के नाबालिग पाए जाने पर माता-पिता को ग्रामवासियों के समक्ष समझाइश दी गई और बाल विवाह न करने की बात कही गई। समझाइश पर परिजनों ने सहमति व्यक्ति की और 18 वर्ष की होने पर विवाह की बात कही।
वहीं, ग्राम डिमावर में भी अधिकारियों ने संबंधित के घर पहुंचकर बालिका की आयु के दस्तावेज जांचे बच्ची की उम्र 18 वर्ष से कम पाए जाने पर अधिकारियों ने विवाह को रोक दिया। माता-पिता को बाल विवाह करने पर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही और समझाइश दी गई, जिस पर परिजन राजी हुए और शादी रोक दी गई। ग्राम टीकामोड में भी बाल विवाह के संबंध में अधिकारियों ने परिजनों को समझाकर नाबालिग बच्ची की शादी होने से रोका। बता दें बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम अंतर्गत तय उम्र से पहले लड़के या लड़की का विवाह करने पर 2 वर्ष की सजा एवं 1 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है।