Vikrant Shekhawat : Jul 19, 2021, 09:04 AM
नई दिल्ली: अक्सर लोग रेलवे प्लेटफार्म और रेल ट्रैक पर नियमों का उल्लंघन और सूचनाओं की अनसुनी करते हुए रेल की पटरियों को पार करते हैं। अक्सर इसकी वजह लंबे रास्ते को छोड़कर समय की बचत करना बताया जाता है। कई लोग तो कानों में मोबाइल फोन की लीड लगाकर गाने सुनते हुए रेलवे ट्रैक को क्रास करते हैं जिससे हुए हादसे में उनकी जान चली जाती है। इसी तरह के एक मामले में रेलवे (Railway) के लोको पायलट (Loco Pilot) की समझदारी से जानलेवा हादसा टल गया।
मुंबई के कल्याण की घटना
मंत्रालय की सलाह इस वाकये के बाद रेल मंत्रालय ने ट्वीट करके इस तरह अनाधिक्रत तरीके से पटरियां पार करने से बचने की सलाह देते हुए इसे जानलेवा कदम बताया है। मध्य रेलवे के मुताबिक, यह घटना रविवार दोपहर करीब 12।45 बजे की है। ट्रेन ठाणे जिले के कल्याण रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर से आगे बढ़ रही थी। ट्रेन की रफ्तार कंट्रोल में थी और लोको पायलट एस के प्रधान भी बेहद सतर्क थे, इसलिए उन बुजुर्ग को बचाया जा सका। जिनकी पहचान हरि शंकर के रूप में हुई है।
मुंबई के कल्याण की घटना
ये घटनाक्रम मुंबई के कल्याण में सामने आया जहां 70 साल के बुजुर्ग की जान बच गई। ये बुजुर्ग ट्रेन की पटरियों को पार कर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म की ओर जा रहे थे और अचानक चक्कर खाकर पटरी पर गिर पड़े। इसी दौरान सामने से मुंबई-वाराणसी ट्रेन आ गई और वो इंजन के अगले हिस्से में फंस गए। हालांकि, बुजुर्ग को गिरता देख ट्रेन के लोको पायलट ने सही समय पर ब्रेक लगा दिए और उनकी जान बच गई।Alert Loco Pilots of Mumbai-Varanasi train (02193) applied emergency brakes immediately after starting the train from Kalyan station & saved the life of a senior citizen who was crossing tracks.
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) July 18, 2021
Please do not cross tracks in an unauthorized manner. It can be fatal. pic.twitter.com/hHCtn9bVIu
मंत्रालय की सलाह इस वाकये के बाद रेल मंत्रालय ने ट्वीट करके इस तरह अनाधिक्रत तरीके से पटरियां पार करने से बचने की सलाह देते हुए इसे जानलेवा कदम बताया है। मध्य रेलवे के मुताबिक, यह घटना रविवार दोपहर करीब 12।45 बजे की है। ट्रेन ठाणे जिले के कल्याण रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर से आगे बढ़ रही थी। ट्रेन की रफ्तार कंट्रोल में थी और लोको पायलट एस के प्रधान भी बेहद सतर्क थे, इसलिए उन बुजुर्ग को बचाया जा सका। जिनकी पहचान हरि शंकर के रूप में हुई है।