पीएम का नेहरु पर वार / अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि की चिंता थी, इसलिए आजादी के 15 साल बाद भी गुलाम रहा गोवा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव का अनुमोदन किया। हालांकि, इससे पहले उन्होंने अपने भाषण में कांग्रेस पर जमकर निशाने साधे। पीएम मोदी ने एक मौके पर तो गोवा की स्वतंत्रता को लेकर पंडित जवाहर लाल नेहरु को घेर लिया। उन्होंने कहा कि अगर सरदार पटेल की तरह ही कोई रणनीति बनाने वाला नेता होता, तो गोवा की आजादी में इतना लंबा समय नहीं लगता।

Vikrant Shekhawat : Feb 08, 2022, 01:56 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव का अनुमोदन किया। हालांकि, इससे पहले उन्होंने अपने भाषण में कांग्रेस पर जमकर निशाने साधे। पीएम मोदी ने एक मौके पर तो गोवा की स्वतंत्रता को लेकर पंडित जवाहर लाल नेहरु को घेर लिया। उन्होंने कहा कि अगर सरदार पटेल की तरह ही कोई रणनीति बनाने वाला नेता होता, तो गोवा की आजादी में इतना लंबा समय नहीं लगता। लेकिन कुछ नेताओं को अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि की चिंता थी, इसलिए उन्होंने गोवा में फौज भेजने से साफ इनकार कर दिया था। 

राज्यसभा में गोवा को लेकर क्या बोले पीएम मोदी?  

प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में भाषण के दौरान कहा, "गोवा के लोग जरूर सुनते होंगे मेरी बात को। जिस तरह से सरदार पटेल ने हैदराबाद के लिए रणनीति बनाई, जूनागढ़ के लिए रणनीति बनाई। अगर सरदार पटेल ने गोवा के लिए भी वैसे ही रणनीति बनाई होती, तो गोवा को भारत की आजादी के 15 साल तक गुलाम नहीं रहना पड़ता। उस समय की मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि तब के प्रधानमंत्री अंतरराष्ट्रीय छवि का क्या होगा, ये उनकी पहली प्राथमकिता थी। दुनिया में मेरी छवि खराब हो जाएगी, ये पंडित नेहरु की सोच थी।" 

"नेहरु जी को लगता था कि अंतरराष्ट्रीय नेता के तौर पर उनकी छवि खराब हो जाएगी, इसलिए जब वहां सत्याग्रहियों पर गोलियां चल रही थीं। हिंदुस्तान के मेरे भाई बहनों पर गोलियां चल रही थीं, तब हमारे प्रधानमंत्री ने कहा था कि मैं देश की सेना नहीं भेजूंगा। सत्याग्रहियों की मदद के लिए कांग्रेस ने कोई मदद नहीं भेजूंगा। गोवा की आजादी के लिए देश के कई वीर पुत्रों को बलिदान देना पड़ा।" 

'लाल किले से किया था एलान- हम गोवा में अपनी फौज नहीं भेजेंगे'

नेहरु जी ने 15 अगस्त 1955 को लाल किले से जो कहा था। मैं कोट करना चाहता हूं। कांग्रेस के लोग यहां होते तो नेहरु जी को सुनकर उनका दिन अच्छा जाता- "कोई धोखे में न रहे कि हम वहां फौजी कार्रवाई करेंगे। कोई फोर्स गोवा के पास नहीं है। अंदर के लोग चाहते हैं कि कोई ऐसी स्थिति पैदा हो कि हम फौज भेजने के लिए मजबूर हो जाएं। समझ लें सब लोग इस बात को कि हम फौज नहीं भेजेंगे।" ये नेहरु जी का बयान है गोवा के लोगों के लिए। नेहरु जी ने कहा था- "जो लोग वहां जा रहे हैं उनको वहां जाना मुबारक हो। लेकिन ये भी याद रखें कि अपने को सत्याग्रही कहते हैं तो सत्याग्रह के सिद्धांत याद रखें। सत्याग्रह में गोलियां नहीं चलतीं। सत्याग्रह के दौरान गोवा को अकेला छोड़ दिया गया।" 

पीएम ने कहा कि नेहरु जी ने उस वक्त गोवा की आजादी के लिए सत्याग्रह करने जा रहे नेताओं को भी चेतावनी दी थी। लोहिया जी के साथ कई नेता उस दौरान गोवा जा रहे थे। पीएम ने जवाहर लाल नेहरु के लाल किले से दिए भाषण को लेकर कहा- "देखिए मजाक देखिए, देशवासियों के लिए क्या अंहकार झलकता है।"