देश / जून में खूब बरसा पानी, मौसम विभाग ने जुलाई में भी अच्छी बारिश का जताया अनुमान

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बुधवार को कहा कि जून महीने में अत्यधिक बारिश हुई और जुलाई में भी अच्छी वर्षा का अनुमान है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जून महीने में दीर्घकालिक आवधिक औसत (एलपीए) की 118 फीसदी वर्षा हुई जिसे अत्यधिक बारिश माना जाता है। विभाग ने कहा कि पिछले 12 साल में, इस साल जून सबसे अधिक भीगा रहा।

AMAR UJALA : Jul 01, 2020, 11:42 PM
नई दिल्ली | भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को कहा कि जून महीने में अत्यधिक बारिश हुई और जुलाई में भी अच्छी वर्षा का अनुमान है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जून महीने में दीर्घकालिक आवधिक औसत (एलपीए) की 118 फीसदी वर्षा हुई जिसे अत्यधिक बारिश माना जाता है। विभाग ने कहा कि पिछले 12 साल में, इस साल जून सबसे अधिक भीगा रहा।

मानसून के सीजन में 1961-2010 के बीच देश में एलपीए बारिश 88 सेंटीमीटर रही। 90-96 फीसदी के बीच बारिश 'सामान्य से कम' मानी जाती है और 96-104 फीसदी बारिश 'सामान्य' मानी जाती है। एलपीए की 104-110 फीसदी वर्षा 'सामान्य से अधिक' और 110 फीसदी से अधिक वर्षा 'अत्यधिक' मानी जाती है। 

मौसम विभाग के अनुसार मध्य भारत उपसंभाग में जून में हुई वर्षा एलपीए की 131 फीसदी रही। इस क्षेत्र में गोवा, कोंकण, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ आते हैं। पूर्वी और पूर्वोत्तर उप संभाग में हुई वर्षा एलपीए की 116 फीसदी रही। असम में बाढ़ आई और बिहार में भी अत्यधिक बरसात हुई। 

हालांकि मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि इन इलाकों में अगले पांच से दस दिन के भीतर बरसात में कमी आएगी। उत्तर-पश्चिम उप संभाग में वर्षा एलपीए की 104 फीसदी रही और दक्षिण में यह एलपीए की 108 फीसदी रही। मौसम विभाग ने जुलाई माह में एलपीए की 103 फीसदी वर्षा का अनुमान जताया है।

महापात्र ने कहा, ‘जुलाई में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है।’ उन्होंने बताया कि गुजरात के तट के निकट तथा पूर्वी-मध्य भारत के ऊपर दो चक्रवात बन रहे हैं। इससे मध्य तथा दक्षिण भारत में अगले पांच से दस दिन में अच्छी बारिश होगी।

बाढ़ से बेहाल असम में सात और लोगों की मौत

असम में बाढ़ और इसकी वजह से विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन होने के कारण सात और लोगों की मौत हो गई। अब इस प्राकृतिक आपदा से संबंधित घटनाओं से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 33 हो गई। सरकार की ओर से बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। 

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने रिपोर्ट में बताया कि राज्य के 33 में से 21 जिलों में रहने वाले लगभग 15 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार बारपेटा जिले में तीन लोगों की मौत हुई और धुबरी, नागांव, नलबारी और कचर जिलों में एक-एक व्यक्ति को अपनी जान गंवानी पड़ी।