देश / किसान आंदोलन के मद्देनजर ये ट्रेनें हुईं प्रभावित, जानिए रूट

केंद्र सरकार द्वारा लाए 3 कृषि बिलों के विरोध में आज किसान आंदोलन के मद्देनजर नई दिल्ली-ऊना (हिमाचल) स्पेशल ट्रेन प्रभावित होगी। ये ट्रेन शुक्रवार नई दिल्ली से चलकर चंडीगढ़ तक ही जाएगी। और चंडीगढ़ से शुरू होकर दिल्ली आएगी। आंदोलन के मद्देनजर इसे चंडीगढ़ के आगे ऊना तक नहीं चलाया जाएगा। इस ट्रेन का अप और डाउन नंबर 02058/02057 है। इसके अलावा अमृतसर से जयानगर ट्रेन भी रद्द रहेगी।

News18 : Sep 25, 2020, 06:24 AM
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए 3 कृषि बिलों (Farm Bills) के विरोध में आज किसान आंदोलन (Farmers Protest) के मद्देनजर नई दिल्ली-ऊना (हिमाचल) स्पेशल ट्रेन प्रभावित होगी। ये ट्रेन शुक्रवार नई दिल्ली से चलकर चंडीगढ़ तक ही जाएगी। और चंडीगढ़ से शुरू होकर दिल्ली आएगी। आंदोलन के मद्देनजर इसे चंडीगढ़ के आगे ऊना तक नहीं चलाया जाएगा। इस ट्रेन का अप और डाउन नंबर 02058/02057 है। इसके अलावा अमृतसर से जयानगर ट्रेन भी रद्द रहेगी।

गौरतलब है कि कृषि बिलों के विरोध में आज के पंजाब बंद के लिए 31 किसान संगठन एक साथ हैं। किसान मजदूर संघर्ष समिति ने पहले ही 24 से 26 सितंबर के बीच रेल रोको आंदोलन का आह्वान किया हुआ है। इसके चलते फिरोजपुर रेल मंडल ने 14 ट्रेनें रद्द कर दी हैं। इतना ही नहीं एक अक्टूबर से अनिश्चितकाल के लिए किसानों ने बंद का आह्वान किया है।

क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया था कि पंजाब बंद को समर्थन देने वालों में मुख्य तौर पर भारती किसान यूनियन (क्रांतिकारी), कीर्ति किसान यूनियन, भारती किसान यूनियन (एकता उगराहां), भाकियू (दोआबा), भाकियू (लाखोवाल) और भाकियू (कादियां) आदि संगठन शामिल हैं।

इन तीन बिलों पर मचा है बवाल, पीएम दे चुके हैं आश्वासन

केंद्र द्वारा बीते हफ्ते पास किए गए तीन बिलों में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा करार, आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक शामिल है।

केंद्र और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को आश्वासन दिया था कि इन 'बहुत ऐतिहासिक' बिलों से किसानों को लाभ होगा। ये कानून किसानों का शोषण करने वाले बिचौलियों को उनसे दूर करेंगे और वे सीधे अपनी उपज बेच सकते हैं। इस बीच, पंजाब में कांग्रेस की अगुआई वाली सरकार ने इन विधेयकों को संघीय ढांचे पर एक 'घातक हमला' बताया है।