Vikrant Shekhawat : Jun 19, 2022, 08:39 PM
Delhi: सरकार की 'अग्निपथ' योजना को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। ऐसे में इस योजना की खासियत और जरूरत को बताने के लिए सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सेना की तरफ से कहा गया कि आधुनिक समय और जरूरत को देखने के लिए युवाओं को मौका देने और आधुनिक युद्ध के लिए तैयार करना जरूरी है। सेना की तरफ से यह भी बताया गया कि अग्निवीर योजना पर इतना जोर क्यों दिया जा रहा है।
जोश और होश में बैलेंसप्रेस कांफ्रेंस में मौजूद वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने कहा कि हमें चाहिए यूथ। हम सब जानते हैं यूथ ज्यादा रिस्क लेता है। उसके अंदर जुनून है, जज्बा है। हमारे लिए उसके इस जुनून और जज्बे को कैप्चर करना जरूरी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में रक्षा मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि इस योजना के जरिए सेना में युवाओं और अनुभवी लोगों के अनुपात को बराबर किया जाएगा। जितने अनुभवी लोग होंगे उतने ही युवा भी होंगे यानी जोश और होश में बैलेंस किया जाएगा। सेना की तरफ से कहा गया कि अभी 46 हजार भर्ती की जा रही है लेकिन भविष्य में इसे 50 से 60 हजार और फिर 90 हजार तक किया जाएगा। टेक सेवी युवाओं की जरूरतरक्षा मंत्रालय के प्रेस कॉन्फ्रेंस में सैन्य अधिकारी ने बताया कि आधुनिक युद्ध के लिए युवाओं के बहुत जरूरत है। अब युद्ध टैंक से उतने नहीं लड़े जाते जितने ड्रोन से लड़े जाते हैं। अब के युवा बचपन से ही फोन आदि चलाना जानते हैं। ऐसे में आधुनिक युद्ध लड़ने के लिए वे उपयोगी हो सकते हैं।
ताकि सेना में बढ़े युवा ताकतसेना की औसत उम्र 32 साल हो चुकी है। अब इसे घटाकर 26 साल तक लाना है। हमारी सेना को यूथफुल प्रोफाइल चाहिए। लेफ्टिनेंट पुरी ने बताया कि दो साल तक स्टडी करने के बाद यह योजना बनाई गई कि सेना को युवा कैसे बनाया जाए। उन्होंने बताया कि अन्य देशों की भी स्टडी की गई, जिसमें पाया गया कि वहां पर भी सेना की औसत उम्र 26 से 27 साल के बीच है।
जोश और होश में बैलेंसप्रेस कांफ्रेंस में मौजूद वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने कहा कि हमें चाहिए यूथ। हम सब जानते हैं यूथ ज्यादा रिस्क लेता है। उसके अंदर जुनून है, जज्बा है। हमारे लिए उसके इस जुनून और जज्बे को कैप्चर करना जरूरी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में रक्षा मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि इस योजना के जरिए सेना में युवाओं और अनुभवी लोगों के अनुपात को बराबर किया जाएगा। जितने अनुभवी लोग होंगे उतने ही युवा भी होंगे यानी जोश और होश में बैलेंस किया जाएगा। सेना की तरफ से कहा गया कि अभी 46 हजार भर्ती की जा रही है लेकिन भविष्य में इसे 50 से 60 हजार और फिर 90 हजार तक किया जाएगा। टेक सेवी युवाओं की जरूरतरक्षा मंत्रालय के प्रेस कॉन्फ्रेंस में सैन्य अधिकारी ने बताया कि आधुनिक युद्ध के लिए युवाओं के बहुत जरूरत है। अब युद्ध टैंक से उतने नहीं लड़े जाते जितने ड्रोन से लड़े जाते हैं। अब के युवा बचपन से ही फोन आदि चलाना जानते हैं। ऐसे में आधुनिक युद्ध लड़ने के लिए वे उपयोगी हो सकते हैं।
ताकि सेना में बढ़े युवा ताकतसेना की औसत उम्र 32 साल हो चुकी है। अब इसे घटाकर 26 साल तक लाना है। हमारी सेना को यूथफुल प्रोफाइल चाहिए। लेफ्टिनेंट पुरी ने बताया कि दो साल तक स्टडी करने के बाद यह योजना बनाई गई कि सेना को युवा कैसे बनाया जाए। उन्होंने बताया कि अन्य देशों की भी स्टडी की गई, जिसमें पाया गया कि वहां पर भी सेना की औसत उम्र 26 से 27 साल के बीच है।